महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अबू आजमी ने औरंगजेब को महान बताकर मुसीबत मोल ले ली है. नेताओं से लेकर धर्म गुरु भी उनके बयान की आलोचना कर रहे हैं. इस कड़ी में तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि औरंगजेब की कब्र पर बुलडोजर चलना चाहिए. औरंगजेब अत्यंत क्रूर, हिंसक और दुष्ट शासक था. उसने हजारों निर्दोष लोगों की हत्या की.

रामभद्राचार्य ने कहा कि औरंगजेब ने हजारों जनेऊ उतराए. हजारों ब्राह्मणों के गले काटे. पूरे राष्ट्र को तहस-नहस कर डाला. औरंगजेब हमारा आदर्श नहीं, हमारे आदर्श तो शिवाजी और राणा जी हैं. हमारे आदर्श भगवान राम और कृष्ण हैं. औरंगजेब कब से हमारा आदर्श हो गया. औरंगजेब ने कहीं मंदिर नहीं बनवाया.

मधुमक्खियों ने हमला किया था तो भाग गया था

उन्होंने कहा कि मंदिर से पार नहीं पाया तो भाग गया था. बाला जी मंदिर में मधुमक्खियों ने हमला कर दिया था तो भाग गया था. उसने कहीं मंदिर नहीं बनवाया. साधु संतों ने जो औरंगजेब की कब्रिस्तान पर बुलडोजर चलने की मांग की है, वह बहुत अच्छा निर्णय है. अखिलेश यादव ने जो कार्रवाई को गलत बताया है, यह उनकी अपनी बुद्धि है. भगवान जाने उनको क्यों नहीं समझ आ रहा है.

अबू आजमी ने क्या कहा?

बता दें कि महाराष्ट्र में सपा विधायक अबू आजमी को मुगल बादशाह औरंगजेब को महान बताने के चलते महाराष्ट्र विधानसभा से 26 मार्च को समाप्त होने वाले बजट सत्र की बची अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है. आजमी का कहना है कि उनके साथ नाइंसाफी हुई है. बयान वापस लेने के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है.

आजमी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. मैंने औरंगजेब के बारे में जो कुछ भी कहा है, उसका जिक्र इतिहासकारों ने किया है. मैंने शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या देश की किसी भी हस्ती के खिलाफ कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है. अगर मेरी टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपना बयान वापस लेता हूं.