मुंबई की एक अदालत ने मंगलवार को बेस्ट बस दुर्घटना में शामिल ड्राइवर को 21 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। सोमवार देर शाम हुई इस दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई थी और 42 अन्य घायल हो गए थे। इस भीषण दुर्घटना के एक दिन बाद ड्राइवर संजय मोरे पर 'गैर इरादतन हत्या' का मामला दर्ज किया गया है। वहीं इस मामले में बीएमसी ने समिति का भी गठन किया है।
बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) उपक्रम द्वारा संचालित बस ने सोमवार रात करीब 9.30 बजे कुर्ला (पश्चिम) में एसजी बर्वे मार्ग पर कई वाहनों और पैदल यात्रियों को टक्कर मार दी। बस चला रहे संजय मोरे को दुर्घटना के बाद हिरासत में लिया गया और बाद में उसे भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने मंगलवार को उसे मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया और दुर्घटना की आगे की जांच के लिए उसकी रिमांड मांगी। अदालत ने पुलिस की याचिका स्वीकार कर ली और मोरे को 21 दिसंबर तक हिरासत में भेज दिया।
बेस्ट ने कुर्ला में हुए बस हादसे की जांच के लिए समिति गठित की
वहीं बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) उपक्रम ने मुंबई के कुर्ला इलाके में हुए बस हादसे की जांच के लिए मंगलवार को एक समिति गठित कर दी है। बीएससी द्वारा संचालित बेस्ट ने एक विज्ञप्ति में बताया कि मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। उपक्रम के मुताबिक जांच समिति की अध्यक्षता मुख्य प्रबंधक (परिवहन) रमेश मडावी करेंगे।
विज्ञप्ति के मुताबिक बेस्ट हादसे में घायल व्यक्तियों के इलाज का खर्च भी वहन करेगी। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक प्रतिनिधिमंडल ने बेस्ट के महाप्रबंधक अनिल दिग्गीकर से मुलाकात की और मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार से दो लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने इस हादसे के लिए 2018 से 2021 के बीच ‘वेट लीज मॉडल’ पर बसों को किराए पर लेने के फैसले को भी जिम्मेदार ठहराया। इस मॉडल के तहत निजी ठेकेदार बस और चालक प्रदान करता है और उनका रखरखाव भी करता है। भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने इसकी समीक्षा की मांग की।