महाराष्ट्र में मुंबई तट के पास बुधवार को एक बड़ा हादसा हुआ था। यहां नौसेना के एक पोत के एक नौका से टकराने की वजह से 14 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, दो लोग लापता भी हैं।  इस हादसे में नासिक के राकेश अहिरे की भी नाबालिग बच्चे और पत्नी के साथ मौत हो गई। वे मुंबई में अस्थमा के इलाज के लिए आए थे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनमें से कोई भी कभी घर नहीं लौट पाएगा।

अस्थमा के इलाज के लिए आए थे मुंबई
नासिक के पिंपलगांव बसवंत में रहने वाले राकेश अहिरे अपने अस्थमा के इलाज के लिए मुंबई में थे। उनकी पत्नी और उनका पांच साल का बेटा उनके साथ थे। तीनों दो दिन पहले ही मुंबई आए थे। उनके रिश्तेदार ने दुख जाहिर करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तीनों के शवों को उनके पैतृक स्थान पिंपलगांव बसवंत भेज दिया गया और गुरुवार दोपहर को अंतिम संस्कार किया गया।

नौसेना के स्पीड बोट चालक के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा जा रही नीलकमल बोट हादसे में पुलिस ने स्पीड बोट चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, दो लोगों के लापता होने की खबर है। नौसेना के आठ क्राफ्ट और एक नौसेना हेलिकॉप्टर और तटरक्षक दल के एक पोत के जरिए समुद्र में लापता लोगों की तलाश जारी है। नौसेना एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने हादसे में मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने इस हादसे की बोर्ड एन्क्वायरी के आदेश दिए है।

भारतीय तटरक्षक दल के अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि नीलकमल बोट हादसे में दो लोग लापता हैं जिसमें एक पुरुष और एक बच्चा शामिल है। भारतीय नौसेना की एक स्पीड बोट के गेटवे ऑफ इंडिया से घारापुरी द्वीप की ओर जाते समय एक नीलकमल यात्री नौका से टकरा गई थी। हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई है। घारापुरी द्वीप में यूनेस्को की विश्व धरोहर एलीफेंटा गुफाएं स्थित हैं। इस हादसे के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 101 लोगों को बचाने की जानकारी दी थी। इस बीच, जीवित बचे नाथाराम चौधरी की शिकायत पर, नौसेना के स्पीड बोट चालक और अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ नीलकमल नाव पलटने की घटना के संबंध में कोलाबा पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (1), 125 (ए) (बी), 282, 324 (3) (5) के तहत सीआर नंबर 283/24 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।