मुंबई की उत्तर-पश्चिम सीट पर 48 वोटों से हार-जीत हुई है। यहां शिवसेना (यूबीटी) और शिवसेना (शिंदे गुट) ने लोकसभा के बीच कड़ा मुकाबला हुआ। उद्धव ठाकरे गुट के अमोल कीर्तिकर ने शिंदे गुट के रवीन्द्र वायकर को मात दी है।
बता दें, कीर्तिकर कोरोना काल में खिचड़ी घोटाले में आरोप में घिरे हैं। वहीं, वायकर उद्यान के लिए आरक्षित जमीन पर आलीशान होटल बनाने को लेकर जांच के दायरे में हैं। दोनों प्रतिद्वंदी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निशाने पर हैं। अमोल 2019 के विधानसभा चुनाव में गोरेगांव से चुनाव हार चुके हैं। महत्वपूर्ण यह है कि अमोल को उनके पिता मौजूदा सांसद गजानन कीर्तिकर का ही साथ नहीं मिल रहा।
सांसद कीर्तिकर शिवसेना में दो फाड़ होने के बाद एकनाथ शिंदे के खेमे आ गए थे,जबकि उनका बेटा उद्धव के साथ रहा। पिछले चुनाव में गजानन को टक्कर देने वाले संजय निरूपम भी इस बार कांग्रेस को कोसते हुए वायकर का प्रचार कर रहे हैं। वायकर को जानने वाले कम लोग हैं, इसलिए वे मोदी के करिश्मे और भाजपा कार्यकर्ताओं पर निर्भर है। यहां मराठी मतदाता सर्वाधिक 37% हैं, लेकिन मतों में विखराव की संभावना के चलते मुस्लिम और उत्तर भारतीय मत अहम माने जा रहे हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में गोरेगांव, वर्सोवा, अंधेरी पश्चिम और पूर्व के अलावा दिंडोशी और जोगेश्वरी कई समुदाय का मिश्रित इलाका है।
2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे
उम्मीदवार (दल)- मत
गजानन कीर्तिकर (शिवसेना)- 5,70,063
संजय निरूपम (कांग्रेस)- 3,09,735
नतीजों के बीच, उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को केंद्र में अगली सरकार बनाने का दावा पेश करने की बात कही। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन के नेता प्रधानमंत्री के चेहरे पर फैसला करने के लिए बुधवार को नई दिल्ली में बैठक करेंगे। वहीं, मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस और अन्य दलों के नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के साथ बातचीत कर रहे हैं, जिससे गठबंधन में उनके शामिल होने की संभावना का पता लगाया जा सके।
कुमार के नेतृत्व वाली जदयू और तेदेपा भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ हैं। ठाकरे ने आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नायडू और कुमार दोनों भाजपा से परेशान हैं। दोनों नेता केंद्र में अगली सरकार के गठन के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी ने अपनी ताकत दिखा दी है। अगली सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने की जरूरत है। इंडी गठबंधन की बैठक में प्रधानमंत्री के चेहरे पर फैसला होगा। बैठक के लिए वे नई दिल्ली जाएंगे।