महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के आंकड़ों में हेराफेरी और विवादित सोशल मीडिया पोस्ट के मामले में नागपुर पुलिस ने सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) के चुनाव विश्लेषक संजय कुमार के खिलाफ FIR दर्ज की है। प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं 175, 353(1)(बी), 212 और 340(1)(2) के तहत दर्ज की गई है। संजय कुमार पर गलत जानकारी देने और चुनाव से जुड़े उल्लंघनों का आरोप है। इसी बीच, नासिक के सरकारवाड़ा पुलिस थाने में चुनाव आयोग ने भी शिकायत दर्ज कराई है।
इस मामले में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) ने सीएसडीएस को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। परिषद ने कहा कि ICSSR से वित्तपोषित सीएसडीएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने महाराष्ट्र चुनाव के आंकड़ों पर मीडिया में बयान दिए थे, जिन्हें बाद में डेटा में त्रुटियों के हवाले से वापस लेना पड़ा। साथ ही, एसआईआर से संबंधित मीडिया रिपोर्ट भी गलत साबित हुई। ICSSR ने स्पष्ट किया कि भारतीय संविधान और चुनाव आयोग की स्वतंत्रता व निष्पक्षता को संस्थान सर्वोपरि मानता है और सीएसडीएस द्वारा डेटा में हेराफेरी, चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा को प्रभावित करने और ICSSR की अनुदान नियमावली का उल्लंघन है।
संजय कुमार की सफाई
लोकनीति-सीएसडीएस के सह-निदेशक और राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार ने अपने विवादित पोस्ट के लिए माफी मांगी और इसे हटा दिया। उन्होंने बताया कि गलती से विधानसभा क्षेत्र संख्या 125 (नासिक पश्चिम) का डेटा 124 से और 50 (हिंगणा) का डेटा 49 से तुलना कर लिया गया। संजय ने कहा कि चुनाव आयोग के अनुसार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए पिछले छह महीनों में लगभग 40 लाख नए मतदाता सूची में जुड़े हैं। उन्होंने मतदाताओं की संख्या में हुई मामूली असामान्य वृद्धि के पीछे डेटा अपडेट की प्रक्रिया को जिम्मेदार ठहराया।
सोशल मीडिया पर माफी
संजय कुमार ने ट्वीट किया, “मैं महाराष्ट्र चुनावों से संबंधित अपनी गलती के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं। 2024 के लोकसभा और विधानसभा डेटा की तुलना में त्रुटि हुई। हमारा इरादा गलत सूचना फैलाने का नहीं था। ट्वीट हटा दिया गया है।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया
भाजपा ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यही संस्था राहुल गांधी पर भरोसा करते हैं। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि कांग्रेस महाराष्ट्र के बारे में झूठा नरेटिव फैलाने के लिए बिना सत्यापन के डेटा का उपयोग कर रही थी। उन्होंने कहा कि यह विश्लेषण नहीं, बल्कि स्पष्ट रूप से पक्षपात था।