राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने राहुल गांधी के आवास पर आयोजित विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की डिनर मीटिंग के दौरान उद्धव ठाकरे के बैठने की जगह को लेकर मचे राजनीतिक विवाद को निरर्थक करार दिया। पवार ने कहा कि यह मुद्दा बेवजह तूल दिया जा रहा है।

गुरुवार को कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने आवास पर इंडिया गठबंधन के नेताओं के लिए रात्रिभोज आयोजित किया था, जिसमें उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे। तस्वीरों में उन्हें अंतिम पंक्ति में बैठा देखा गया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर हंगामा मच गया और कई लोगों ने इसे शिवसेना व महाराष्ट्र का अपमान बताया।

पवार ने सफाई देते हुए कहा कि कार्यक्रम में पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन था, इसलिए कई नेता स्क्रीन को ठीक से देखने के लिए पीछे बैठे थे। उन्होंने बताया, “फारूक अब्दुल्ला और मैं भी पीछे बैठे थे। इसी तरह उद्धव ठाकरे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी पीछे बैठे ताकि प्रेजेंटेशन साफ दिखाई दे।”

उपराष्ट्रपति चुनाव पर रुख स्पष्ट नहीं
शरद पवार ने कहा कि 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन ने अभी अपना रुख तय नहीं किया है। उन्होंने अपने गुट के भाजपा नेतृत्व वाले किसी भी गठबंधन से हाथ मिलाने की अटकलों को भी नकार दिया।

राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ आरोप पर प्रतिक्रिया
राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को “संस्थागत चोरी” और भाजपा-चुनाव आयोग की मिलीभगत का आरोप लगाने के मुद्दे पर पवार ने कहा कि यह बयान दस्तावेज़ों और शोध पर आधारित है तथा इसकी जांच चुनाव आयोग को करनी चाहिए।

महाराष्ट्र चुनाव पर बयान
पवार ने खुलासा किया कि 2024 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कुछ लोगों ने उनसे मुलाकात कर विपक्ष को 288 में से 160 सीटें जीतने का भरोसा दिलाया था। उन्होंने उन्हें राहुल गांधी से मिलवाया, लेकिन इस सुझाव को महत्व नहीं दिया और जनता से सीधे जुड़ने की सलाह दी।

नागपुर में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने माना कि महा विकास अघाड़ी को चुनाव से पहले अधिक सतर्क रहना चाहिए था। उन्होंने कहा, “हमें इस मुद्दे पर पहले ही ध्यान देना चाहिए था और पूरी सावधानी बरतनी चाहिए थी।”