महाराष्ट्र में भाषाई विवाद लगातार गहराता जा रहा है और अब इसका असर मुंबई की लोकल ट्रेनों में भी दिखाई देने लगा है। हाल ही में सेंट्रल लाइन की एक भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेन में मराठी और हिंदी भाषियों के बीच तीखी बहस हो गई। ट्रेन के महिला डिब्बे में यात्रा कर रही दो समूहों की महिलाओं के बीच कहासुनी इस कदर बढ़ गई कि एक पक्ष ने मराठी न बोलने पर दूसरों को बाहर निकलने तक की बात कह दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
महिला डिब्बे में बढ़ा तनाव, “मुंबई में रहना है तो मराठी बोलो” की धमकी
करीब 17 सेकंड के वायरल वीडियो में छह महिलाओं को आपस में बहस करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो की शुरुआत में एक महिला, जो कैमरे के फ्रेम में नहीं दिखाई देती, अन्य महिला यात्रियों पर अशिष्ट भाषा में टिप्पणी करती सुनाई देती है। वहीं दूसरी ओर, एक महिला कहती है, “मुंबई में रहना है तो मराठी बोलो, वरना बाहर निकल जाओ।” वीडियो में दूसरे समूह की महिलाएं भी बहस में शामिल होती नजर आती हैं।
मध्य रेलवे के अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है, लेकिन अब तक इस संबंध में कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। गौरतलब है कि मुंबई की लोकल ट्रेनों में मामूली विवाद आम हैं, लेकिन यह घटना राज्य में चल रहे भाषा विवाद को और हवा देती नजर आ रही है।
दुकानों और सार्वजनिक जगहों पर भी दिख रहा असर
मराठी भाषा को लेकर हाल के दिनों में सार्वजनिक स्थानों पर टकराव की घटनाएं बढ़ी हैं। गुरुवार को विक्रोली इलाके में एक दुकानदार पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया। आरोप है कि दुकानदार ने व्हाट्सएप पर मराठी समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक स्टेटस डाला था।
इसके अलावा ठाणे में भी एक फूड स्टॉल संचालक पर मराठी न बोलने को लेकर मारपीट का वीडियो सामने आया है। मीरा रोड में भी एक दुकानदार और ऑटोरिक्शा चालक को इसी वजह से निशाना बनाया गया।
राजनीतिक रंग लेता भाषा विवाद
मराठी भाषा के मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। मनसे जैसी पार्टियां स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा रही हैं। ऐसे में भाषा को लेकर बढ़ती असहिष्णुता राज्य के सामाजिक सौहार्द पर सवाल खड़े कर रही है।