महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर केंद्र सरकार और महाराष्ट्र की वर्तमान सरकार के साथ ही भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने जलगांव के पाचोरा में एक जनसभा के दौरान रविवार को भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पुंछ में हुए हमले और सत्यपाल मलिक को सीबीआई के समन के साथ ही अदाणी मुद्दे पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि राज्य में चुनाव कभी भी हो सकते हैं, आज भी हम तैयार हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट में है और हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा। 

ठाकरे ने मंच से बोलते हुए कहा कि अभी हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हमला हुआ उसमें हमारे जवान भी शहीद हुए, उस समय हमारे गृहमंत्री कर्नाटक चुनाव में व्यस्त थे। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल मलिक को सीबीआई के समन का जिक्र करते हुए कहा कि जब मलिक ने पुलवामा हमले के बारे में बयान दिया तो उनके पीछे सीबीआई को लगा दिया गया। 

शिवसेना को लेकर दिया ये बयान
अपने संबोधन के दौरान महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ने शिवसेना पर अपना दावा भी ठोंका। उन्होंने कहा कि किसी से भी पूछेंगे तो वह भी बताएंगे कि सच्चाई क्या है, लेकिन हमारे देश के चुनाव आयोग को यह नहीं दिखेगा। चुनाव आयोग की आंखों में मोतियाबिंद हो गया है। शिंदे गुट पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने बिना नाम लिए कहा कि जैसे इन लोगों को घोड़े पर चढ़ाया था, उसी तरह इनको उतारेंगे भी। उद्धव ठाकरे ने इस दौरान यह भी दावा किया कि इस सरकार का मतलब संकट है। अपनी मशाल से इनका सिंघासन जला देंगे। 

उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा, 'ये लोग मुझ पर आरोप लगाते हैं कि मैंने अपने घर से सरकार चलाई। हां, मैंने अपने घर से सरकार चलाई लेकिन आप एक जगह से दूसरी जगह घूमते हुए भी उस तरह से नहीं चल सकते। हम यहां सिर्फ राजनीति के लिए नहीं बल्कि लोगों की सेवा के लिए हैं।'

अपने संबोधन में उन्होंने बाला साहेब का नाम इस्तेमाल करने पर भी निशाना साधा। ठाकरे ने कहा कि उन्होंने शिवसेना नाम चुरा लिया, हमारा धनुष-बाण ले लिया। अब वे मेरे पिता का नाम भी छीनना चाहते हैं। इसके बाद भी राज्य की जनता हमारे साथ है। राज्य में चुनाव कभी भी हो सकते हैं, आज भी हम तैयार हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट में है और हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा। उसके बाद कभी भी कुछ भी हो सकता है। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ हुई कार्रवाई को भी गलत करार दिया। 

10-15 दिन में गिर जाएगी सरकार
इससे पहले, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब) के नेता संजय राउत ने दावा किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार के डेथ वॉरंट जारी हो चुका है और यह सरकार 15-20 दिन में गिर जाएगी। राउत ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि उनकी पार्टी कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि हमारे साथ न्याय होगा। 

राज्यसभा सांसद सुप्रीम कोर्ट के उस केस की बात कर रहे थे, जिसमें शिवसेना के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला होना बाकी है। गौरतलब है कि शिवसेना के कई नेताओं ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व को मानने से इनकार करते हुए अपना समर्थन एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया था। विधायकों की इसी बगावत के खिलाफ ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।

बीते साल शिंदे ने की थी बगावत
पिछले साल जून में ही शिवसेना नेता शिंदे ने महाविकास अघाड़ी सरकार में रहते हुए बगावत कर दी थी। शिंदे ने शिवसेना के 39 विधायकों को लेकर अपना अलग गुट बना लिया था, जिसके बाद महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ गया था। शिंदे महाविकास अघाड़ी को तोड़ने और भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन बनाया था। उन्होंने इसके पीछे वैचारिक मतभेदों और कांग्रेस पार्टी और भारतीय राष्ट्रवादी कांग्रेस द्वारा अनुचित व्यवहार को वजह बताया था। साथ ही शिंदे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर भी कई आरोप लगाए थे।