भाजपा विवाद पर फडणवीस की चाची की नसीहत- कांग्रेस जैसी गलती न दोहराएं

महाराष्ट्र में भाजपा की चंद्रपुर इकाई में अंदरूनी कलह पर सीएम देवेंद्र फडणवीस की चाची ने फटकार लगाई है। उन्होंने नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगाह किया कि हमें कांग्रेस जैसा नहीं बनना चाहिए। 

चंद्रपुर में भाजपा के स्थापना दिवस पर स्थानीय विधायक किशोर जोरगेवार के नेतृत्व में आधिकारिक समारोह को दरकिनार करते हुए वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार द्वारा अलग कार्यक्रम करने पर पूर्व मंत्री शोभा ताई फडणवीस कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि लोग भाजपा में शामिल होने के लिए कतार में खड़े हैं और अगर हम लड़ते रहेंगे तो क्या लोग यह नहीं कहेंगे कि हम कांग्रेस जैसे हो गए हैं? 

उन्होंने पूर्व मंत्री मुनगंटीवार का नाम लिए बिना उनसे नाराजगी जताते हुए कहा, “हमें अपनी पार्टी को कांग्रेस जैसा नहीं बनने देना चाहिए। हमें भाजपा की पहचान बनाए रखनी होगी। भाजपा केंद्र और महाराष्ट्र में सत्ता में है, जबकि चंद्रपुर में अंदरूनी कलह है। उन्होंने पूछा कि शहर में दो अलग-अलग कार्यक्रम क्यों आयोजित किए जा रहे हैं? इससे लोगों में क्या संदेश जा रहा है? जोरगेवार चंद्रपुर से विधायक हैं, तो यह उनका कर्तव्य है कि वह कोई कार्यक्रम आयोजित करें और अन्य लोगों को भी खुले दिमाग से यहां कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए।

पूर्व मंत्री शोभा ताई फडणवीस ने कार्यकर्ताओं को अनुशासन और विनम्रता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि जब बांग्लादेश, पाकिस्तान और चीन के साथ सीमाओं पर तनाव जैसे गंभीर मुद्दे हैं, तो उन्हें इस तरह की अंदरूनी लड़ाई और तुच्छ प्रोटोकॉल में क्यों शामिल होना चाहिए और सम्मान की तलाश करनी चाहिए? पार्टी नेता नकली गर्व का रोना न रोएं और पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रति आभारी रहें।

एक ही शहर में हुए थे दो कार्यक्रम
चंद्रपुर में भाजपा के स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय विधायक किशोर जोरगेवार ने कन्याका हॉल में किया था। जबकि वरिष्ठ नेता मुनगंटीवार ने श्यामाप्रसाद मुखर्जी लाइब्रेरी में एक अलग सभा की मेजबानी की। मुनगंटीवार और जोरगेवार के बीच तनाव 2024 के विधानसभा चुनावों से शुरू हुआ था। तब मुनगंटीवार ने जोरगेवार के भाजपा में शामिल होने का विरोध किया था।

मुनगंटीवार के विरोध के बावजूद जोरगेवार को पार्टी में शामिल किया गया और विधानसभा चुनावों में चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की। मुनगंटीवार ने राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से कहा था कि मैं डूबते सूरज की तरह हूं और आप उगते सूरज की तरह हैं। आपके पास काम करने के लिए अच्छे दिन हैं, लोगों के लिए कुछ अच्छा करें।

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