महाराष्ट्र में नवंबर महीने में विधानसभा चुनाव और उसके नतीजे जारी होने के 12 दिन बाद जहां नई सरकार का गठन हुआ था। वहीं करीब 20 दिन बाद राज्य की नई सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार भी किया गया है। इसके लिए राज्य की शीतकालीन राजधानी नागपुर के राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ। जिसमें कुल 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इसमें भाजपा के कोटे से 19 विधायक मंत्री बने, जबकि शिवसेना से 11 और एनसीपी से नौ विधायक मंत्री बने।
दो दिन में बांटे जाएंगे मंत्रियों को विभाग- सीएम
वहीं इस शपथ ग्रहण के बाद महायुति के तीन प्रमुख नेता (मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री) ने प्रेस वार्ता की, जिसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि- अगले दो दिनों में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया जाएगा।
हम विपक्ष को कभी नजरअंदाज नहीं करेंगे- अजित
इस दौरान डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा, 'विपक्ष ने इसका बहिष्कार किया है, ऐसा कई सालों से होता आ रहा है। 23 तारीख को महायुति सरकार आई और आज कैबिनेट ने शपथ ली। आज अंतिम रूप ले लिया गया और आने वाले दिनों में काम शुरू हो जाएगा। हम उन्हें (विपक्ष को) कभी नजरअंदाज नहीं करेंगे क्योंकि उनकी संख्या कम है। जबकि अजित पवार ने पार्टी के कुछ नेताओं को मंत्री न बनाए जाने को लेकर किए गए सवाल पर कहा कि- सभी को जरूर मौका मिलेगा।
विपक्ष को एलओपी का नेता भी नहीं मिला- शिंदे
वहीं डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, स्थिति ऐसी है कि विपक्ष को एलओपी का नेता भी नहीं मिला। जनता ने दिखा दिया है कि वे काम करने वालों के पीछे खड़े हैं। हमने उन्हें (विपक्ष को) आमंत्रित किया था और मुझे लगा कि वे (शपथ ग्रहण समारोह में) आएंगे। जनता ने इन लोगों का बहिष्कार किया है। उन्होंने हमें 2.5 साल तक हल्के में लिया। एकनाथ शिंदे ने आगे कहा, मैं देवेंद्र जी को बधाई देता हूं...मैच नया है, विपक्ष वही है। हमने एक टीम के रूप में काम किया है। देवेंद्र जी और अजीत दादा मेरे साथ हैं। मैंने पहले भी कहा था कि मैं 200 विधायक लेकर आऊंगा, अजीत पवार का आना बोनस है। जनता के प्रति हमारी जिम्मेदारी है। फैसले गतिशील तरीके से लिए जाएंगे। हमने जो काम किया, उसे सभी ने देखा है। 86 कैबिनेट मीटिंग हुईं और 850 फैसले लिए गए। इसके बाद भी हम एक टीम के रूप में काम करेंगे।
विपक्ष के ईवीएम अलाप पर बोले एकनाथ शिंदे
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने विपक्ष के ईवीएम वाले राग पर कहा कि, ईवीएम को लेकर एक पत्र दिया गया है। कर्नाटक, झारखंड और इन जगहों पर जीतने के बाद वे कहते हैं कि ईवीएम अच्छी है और हार गए तो चुनाव आयोग को दोष देते हैं। हमें जो दिया गया है, हम उसका पालन-पोषण करेंगे। वहीं कुछ नेताओं की नाराजगी को लेकर किए गए सवाल पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि, सभी मंत्रियों को ढाई साल मिलेंगे।