मुंबई की आर्थर रोड जेल में बुधवार दोपहर हिंसा की एक बड़ी घटना सामने आई, जब दो गुटों के बीच टकराव के दौरान चर्चित गैंगस्टर प्रसाद पुजारी पर जानलेवा हमला किया गया। यह झड़प करीब 12:30 बजे हुई, जिसमें अन्य कैदियों या सुरक्षा कर्मियों के घायल होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है। घटना के बाद जेल प्रशासन ने एनएम जोशी मार्ग पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
हमले में सात कैदी नामजद
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने इस हिंसा में संलिप्त सात कैदियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 194(2) के तहत एफआईआर दर्ज की है। जिन नामों का उल्लेख किया गया है उनमें प्रसाद पुजारी के अलावा इरफान रहीम खान, शुऐब खान उर्फ भूर्या, अयूब अनुमुद्दीन शेख, मुकेश सीताराम निषाद, लोकेन्द्र उदयसिंह रावत और सिद्धेश संतोष भोसले शामिल हैं।
प्रसाद पुजारी एक लंबे समय से फरार अपराधी था, जिसे पिछले वर्ष चीन से प्रत्यर्पण के बाद भारत लाया गया था और तब से वह आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में है। उसकी पहचान कई उपनामों—जैसे सिद्धार्थ शेट्टी, सिड, जॉनी—से जुड़ी रही है।
जेल की सुरक्षा पर खड़े हुए सवाल
इस प्रकार की हिंसक घटना के हाई-सिक्योरिटी जेल परिसर में होने से सुरक्षा व्यवस्थाओं की सख्ती पर सवाल उठने लगे हैं। माना जा रहा है कि इस झड़प के पीछे आपसी वर्चस्व और पुरानी रंजिशें थीं। जेल प्रशासन और पुलिस विभाग अब इस घटना की विस्तृत जांच कर रहे हैं। साथ ही, जेल में हिंसा की पुनरावृत्ति रोकने के लिए निगरानी और सुरक्षा के उपायों को और कड़ा किया जा रहा है।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह दिखाया है कि जेल के भीतर कानून-व्यवस्था बनाए रखना कितना कठिन कार्य है, विशेषकर तब जब कैदी आपसी गुटबाजी के चलते उग्र हो जाते हैं।