मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे की मांगों को कानूनी और संवैधानिक दायरे में पूरा करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछले वर्ष सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (SEBC) के तहत मराठा समाज को दिया गया 10 प्रतिशत आरक्षण फिलहाल लागू है। वहीं, ओबीसी कोटे में आरक्षण की मांग को लेकर जरांगे का अनिश्चितकालीन अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि 2014 से 2025 के बीच शिक्षा और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने को लेकर मराठा समाज के हित में सर्वाधिक फैसले लिए गए हैं और इस अवधि में प्रायः भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारें सत्ता में रहीं। इस बीच, जरांगे के हजारों समर्थक दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान और आसपास जुटे हुए हैं, जहां से उन्होंने अपना नया आंदोलन आरंभ किया है।

संविधान संशोधन पर जोर
इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि मराठा आरक्षण जैसे मुद्दों का समाधान तभी संभव है जब संविधान में संशोधन किया जाए, क्योंकि आरक्षण की कुल सीमा पहले से तय है। उन्होंने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत मराठा खेती पर निर्भर हैं, लेकिन कृषि से ही उनका भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकता। ऐसे में आरक्षण ही उनके लिए स्थायी विकल्प है।

पवार ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने आरक्षण की अधिकतम सीमा 52 प्रतिशत तय की है, जबकि तमिलनाडु में 72 प्रतिशत तक आरक्षण को अदालत से मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपेक्षा जताई कि वह इस विषय पर पारदर्शी और स्पष्ट नीति बनाए, ताकि समाज में किसी तरह की खाई या कटुता न रहे।