महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर जारी प्रदर्शन में AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी पहुंचे। यहां उन्होंने वक्फ को लेकर सरकार के फैसले का विरोध किया, लेकिन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर केंद्र के कदमों का समर्थन किया।
पहले उन्होंने कहा कि यह अधिनियम हमारे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। इस अधिनियम को लाने का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को बचाना नहीं, बल्कि मुसलमानों से उन्हें छीनना है। इस दौरान उनसे जब पहलगाम हमले के बाद बिलावल भुट्टो जरदारी के ‘खून बहेगा…’ वाले बयान पर सवाल किया गया तो ओवैसी ने कहा कि बचपनें की बातें नहीं करना। उनकी मां को उनके ही देश में पल रहे आतंकवादियों ने मार डाला। क्या उन्हें पता भी है कि वे क्या कह रहे हैं?
‘बेगुनाहों की हत्या करके आपने ISIS जैसी बर्बरता की’
इससे पहले ओवैसी ने रविवार को पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान पर हमला बोला था। ओवैसी ने कहा था कि पहलगाम में हमारी जमीन पर बेगुनाहों की हत्या करके आपने ISIS जैसी बर्बरता की है। उन्होंने कहा कि वे परमाणु शक्ति होने की धौंस नहीं दिखा सकते। वे बेगुनाहों की हत्या नहीं कर सकते।
‘धर्म के आधार पर निशाना बनाकर आप किस ‘दीन’ की बात कर रहे हैं’
परभणी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान हमेशा परमाणु शक्ति होने की बात करता है। उन्हें यह याद रखने की जरूरत है कि अगर वे किसी देश में घुसकर बेगुनाह लोगों को मारते हैं, तो वह देश चुप नहीं बैठेगा। चाहे कोई भी सरकार हो, हमारी जमीन पर हमारे लोगों को मारकर और उन्हें धर्म के आधार पर निशाना बनाकर आप किस ‘दीन’ की बात कर रहे हैं? आपने ISIS की तरह काम किया है।
‘लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तानी हुकूमत की नाजायज औलाद’
ओवैसी ने यह भी कहा कि लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तानी हुकूमत की नाजायज औलाद है। पाकिस्तान आतंक का गढ़ है। पाकिस्तान बरसों से भारत के खिलाफ साजिश रच रहा है। आप जानते ही हैं कि भारत देश के संविधान का आर्टिकल 355 कहता है कि अगर किसी रियासत पर बाहर से हमला होता है तो उसे रोकना होगा। हमें इजाजत है कि हम अपने एथिकल हैटर्स के जरिए उनकी हैकिंग करें।
‘किस मुंह से भारत से बराबरी करने की कोशिश कर रहा पाकिस्तान’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान किस मुंह से भारत से बराबरी करने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान किसी भी तरह से हमारी बराबरी नहीं कर सकता। उनका जितना बजट है, उतना तो भारत का सैन्य बजट है।
22 अप्रैल को आतंकवादियों ने किया था हमला
जम्मू-कश्मीर में पहलगाम की बायसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर हमला किया था, जिसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 लोग मारे गए थे। जवाब में 23 अप्रैल से ही घटनास्थल पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीमें तैनात हैं। टीमों ने सबूत जुटाने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। साथ ही हमले को देखने वाले चश्मदीदों से पूछताछ की जा रही है। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद से इस क्षेत्र में सबसे घातक हमलों में से एक है, जिसमें 40 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान शहीद हो गए थे।