बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दादर के कबूतरखाने के पास कबूतरों को दाना खिलाने पर लगी रोक बरकरार रहने के बाद जैन समुदाय में आक्रोश फैल गया है। अदालत के आदेश के बावजूद, जैन समुदाय के कुछ लोग कबूतरखाने के पास दाना डालते पाए गए, जिनके खिलाफ पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। इस घटना के विरोध में जैन समुदाय ने 13 अगस्त से भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। जैन मुनि नीलेशचंद्र विजय ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वे हथियार भी उठा सकते हैं।
नीलेशचंद्र विजय ने बताया कि वे शांतिपूर्ण सत्याग्रह और भूख हड़ताल करेंगे। उनका कहना था कि जैन समाज सामान्यतः अहिंसक है, लेकिन धर्म की रक्षा के लिए आवश्यकता पड़ने पर कदम उठाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है और कबूतरों को नुकसान नहीं होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के आदेशों के बाद पक्षियों को दाना देना फिर से शुरू किया गया है, जो चुनावी राजनीति का हिस्सा है। पर्यूषण पर्व के बाद अगला निर्णय लिया जाएगा और 13 अगस्त से देशभर से जैन समुदाय भूख हड़ताल के लिए दादर में जुटेगा।
नीलेशचंद्र विजय ने यह भी कहा कि शराब और मांसाहार से मरने वालों की संख्या पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने नगर पालिका से कबूतरों को दाना डालने की अनुमति मांगी है। जैन धर्म में सभी जीवों के जीवन की रक्षा का महत्व बताया गया है। उनके इस बयान से नया विवाद उत्पन्न होने की संभावना है, और अब सभी की निगाह मनसे और ठाकरे गुट की प्रतिक्रिया पर लगी है।
दूसरी ओर, राज्य में कबूतरखाने को लेकर राजनीतिक तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा। जैन समुदाय के बाद अब मराठी समाज भी इस मुद्दे पर आंदोलन की तैयारी में है। मराठी एकीकरण समिति ने घोषणा की है कि दादर कबूतरखाना हमेशा के लिए बंद रहना चाहिए।
समिति का आरोप है कि कुछ लोग अदालत के आदेश का उल्लंघन कर पुलिस के साथ धक्का-मुक्की कर रहे हैं और चाकूसुरी जैसे हथियार लेकर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उनका कहना है कि ये लोग न्यायालय का अपमान कर स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं और जबरन कबूतरखाना पुनः खोलने की कोशिश कर रहे हैं।
मराठी एकीकरण समिति ने सरकार को ज्ञापन सौंपने की भी घोषणा की है, जिसमें इन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जाएगी। उन्होंने यह भी सवाल उठाया है कि पुलिस ने घटना के दिन कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया। समिति ने चेतावनी दी है कि यदि आगे भी इस तरह के आंदोलन या बाधाएं उत्पन्न हुईं, तो वे लाखों लोगों के साथ मोर्चा खोलेंगे। 13 अगस्त को सुबह 10 बजे दादर कबूतरखाना पर मराठी समुदाय की एक बड़ी सभा आयोजित की जाएगी, जहां सरकार को निवेदन सौंपा जाएगा।