महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को राज्य के कई जिलों में तेंदुआ हमलों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में वन, राजस्व और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाया गया। मुख्यमंत्री ने शिरूर, अहिल्यनगर और मावल (पुणे) जैसे प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए और नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता बताया।
बैठक में तेंदुआ नियंत्रण के लिए कई कदम तय किए गए। प्रभावित क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी, और जरूरत पड़ने पर तेंदुओं को शांत करने वाली इंजेक्शन के जरिए पकड़ने का काम किया जाएगा। इसके साथ ही तेंदुओं की संख्या नियंत्रित करने के लिए नसबंदी की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
सरकार तेंदुआ हमलों को राज्य आपदा संकट के रूप में लेने पर विचार कर रही है। इस प्रस्ताव को अगली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। रेस्क्यू सेंटर की क्षमता बढ़ाने पर भी चर्चा की गई।
वन मंत्री गणेश नाईक ने कहा कि केंद्र के वन्यजीव मंत्रालय ने प्रस्तावित कदमों की अनुमति दे दी है। उन्होंने बताया कि वन विभाग, पुलिस और राजस्व विभाग मिलकर तेंदुआ नियंत्रण और नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। सरकार का उद्देश्य प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा और तेंदुओं की संख्या पर नियंत्रण दोनों ही है।