महाराष्ट्र सरकार ने राज्यभर में ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के उद्देश्य से अहम कदम उठाया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली सरकार ने विधानसभा में जानकारी दी कि हाल ही में धार्मिक स्थलों से कुल 3,367 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं। अकेले मुंबई में 1,608 लाउडस्पीकरों को हटाया गया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह कार्रवाई शांतिपूर्वक और सौहार्दपूर्ण वातावरण में की गई, जिससे किसी प्रकार का साम्प्रदायिक तनाव नहीं पैदा हुआ।
सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन
धार्मिक स्थलों से ध्वनि उपकरणों को हटाने का यह अभियान सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप किया गया है। न्यायालय के अनुसार रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर के उपयोग पर रोक है, जबकि दिन में ध्वनि की अधिकतम सीमा 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल तय की गई है।
फडणवीस ने कहा कि सभी पुलिस थानों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं कि वे इन नियमों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करें। अगर बिना अनुमति कोई स्थल दोबारा लाउडस्पीकर लगाता है, तो संबंधित थाना प्रभारी को उत्तरदायी माना जाएगा।
पुलिस की निगरानी और कार्रवाई
सरकार ने बताया कि प्रत्येक पुलिस स्टेशन को नॉइज मीटर से लैस किया गया है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों को नियमित रूप से धार्मिक स्थलों पर निगरानी रखने, और किसी भी उल्लंघन की सूचना महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) को देने का निर्देश दिया गया है। लगातार नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई करते हुए उनके लाउडस्पीकर जब्त किए जाएंगे और अनुमति रद्द की जा सकती है।
विपक्ष के सवालों के बाद बढ़ी कार्रवाई
इस अभियान की रफ्तार उस समय बढ़ी जब भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने विधानसभा में ध्वनि प्रदूषण से होने वाली समस्याओं को उठाया। उन्होंने कहा कि तेज़ शोर से बीमारों, वरिष्ठ नागरिकों और रात की शिफ्ट में काम करने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के एक पुराने आदेश का हवाला देते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।
मुंबई को किया गया लाउडस्पीकर मुक्त
फडणवीस ने दावा किया कि अब मुंबई के सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि कार्रवाई पूरी तरह कानून के तहत और पारदर्शिता के साथ की गई, जिससे किसी भी धार्मिक भावना को ठेस न पहुंचे। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार केंद्र से अनुरोध करेगी कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 में संशोधन कर पुलिस को अधिक अधिकार दिए जाएं।
इसके अलावा धार्मिक स्थलों को सीमित अवधि के लिए ही लाउडस्पीकर की अनुमति दी जाएगी, जिसे समय-समय पर नवीनीकृत कराना अनिवार्य होगा।