मुंबई। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और राकांपा प्रमुख अजित पवार इस बार एक नए विवाद में घिरे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने उन पर 500 करोड़ रुपये की लागत वाले शताब्दी अस्पताल घोटाले का आरोप लगाया है। दमानिया का दावा है कि बीएमसी द्वारा निर्मित 580-बेड का शताब्दी अस्पताल पवार परिवार से जुड़े ट्रस्ट को पीपीपी मॉडल के तहत सौंपा जा रहा है।

अंजली ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की गई रिपोर्ट में कहा कि अस्पताल की बोली पद्मसिंह पाटिल की टर्ना पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट ने लगाई है, जिसका संबंध अजित पवार के परिवार से बताया जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी तंज कसते हुए लिखा कि पूरा महाराष्ट्र नेताओं को ही सौंप देना चाहिए।

राज्य मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि उन्हें इस मामले की आधिकारिक जानकारी नहीं है और सरकार लिखित शिकायत मिलने के बाद ही कार्रवाई करेगी। वहीं, मंत्री पंकज राजेश भोयर ने कहा कि राजनीति में किसी भी व्यक्ति पर आरोप लगना सामान्य है और जांच से पहले किसी पर प्रतिक्रिया देना उचित नहीं है।

अजित पवार पहले भी विवादों में रह चुके हैं। हाल ही में पुणे के मुंधवा इलाके की 40 एकड़ सरकारी जमीन की बिक्री को लेकर उनके बेटे पार्थ पवार से जुड़ी फर्म पर संदेह जताया गया था। हालांकि इस मामले में FIR दर्ज है, लेकिन पार्थ पवार का नाम शामिल नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया था कि एफआईआर केवल सीधे शामिल व्यक्तियों के खिलाफ ही दर्ज होती है।