महाराष्ट्र: ईओडब्ल्यू ने शुरू की न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में गड़बड़ी की जांच

महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में कथित अनियमितताओं की जांच शुरू कर दी है। आर्थिक अपराध शाखा के मुताबिक, बैंक प्रतिनिधि ने ईओडब्ल्यू से इस बारे में शिकायत की है, जिसके बाद उनका बयान दर्ज किया गया है।

इससे पहले मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के बाहर शुक्रवार को लोगों की कतारें देखी गईं। आरबीआई की ओर से निकासी पर रोक लगने के बाद चिंतित ग्राहक जल्द से जल्द अपना पैसा निकालना चाह रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को पर्यवेक्षी चिंताओं के बीच जमाकर्ताओं की ओर से धन निकासी सहित कई प्रतिबंध लगा दिए थे। न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक, मुंबई को दिए गए भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश गुरुवार को कारोबार की समाप्ति से लागू हो गए। ये निर्देश छह महीने की अवधि तक लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन होंगे।

बचत, चालू या किसी भी खाते से किसी भी राशि की निकासी पर रोक
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक को ऋण देने या नवीनीकृत करने, नई जमाराशियां स्वीकार करने, निवेश करने, अपनी देनदारियों के लिए कोई भुगतान करने या अपनी किसी भी संपत्ति को बेचने से रोक दिया है। नियामक ने एक बयान में कहा कि बैंक में हाल के भौतिक घटनाक्रमों से उत्पन्न पर्यवेक्षी चिंताओं और बैंक के जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के कारण यह रोक लगाई गई है। बैंक की महाराष्ट्र समेत देशभर में 26 ब्रांच हैं, और बड़ी संख्या में ग्राहक हैं।

आरबीआई के बयान में क्या?
आरबीआई के बयान में कहा गया है, “बैंक की वर्तमान तरलता स्थिति को ध्यान में रखते हुए, बैंक को निर्देश दिया गया है कि वह जमाकर्ता के बचत बैंक या चालू खाते या किसी अन्य खाते से किसी भी राशि की निकासी की अनुमति न दे, लेकिन जमाराशि के विरुद्ध ऋण सेट ऑफ करने की अनुमति दी गई है।” पात्र जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से 5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे।

बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए: आरबीआई
हालांकि, आरबीआई के निर्देशों में यह साफ किया गया है कि इस कार्रवाई को बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक उक्त निर्देशों में निर्दिष्ट प्रतिबंधों के अधीन बैंकिंग व्यवसाय करना जारी रखेगा। आरबीआई बैंक की स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा और जमाकर्ताओं के सर्वोत्तम हित में आवश्यक कार्रवाई करेगा। ये निर्देश 13 फरवरी, 2025 को कारोबार बंद होने से छह महीने की अवधि के लिए लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन हैं।

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