शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को संकेत दिया कि उनकी पार्टी राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनाव अपने दम पर लड़ सकती है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकर्ता इसके लिए उत्सुक हैं और वह उचित समय पर इसे लेकर फैसला करेंगे। उद्धव ठाकरे का यह बयान तब आया है जबकि आगामी स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने को लेकर विपक्षी महा विकास अघाड़ी गठबंधन के बीच मतभेदों की खबरें आ रही हैं। 

वे शिव सेना के संस्थापक बाल ठाकरे की 99वीं जयंती पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ने इस मौके पर कहा कि वह सभी नगर निगमों में पार्टी कार्यकर्ताओं से बात कर रहे हैं और वे चाहते हैं कि पार्टी आगामी स्थानीय निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़े।  

उन्होंने वहां मौजूद लोगों से पूछा कि क्या आप गद्दारों को उनकी जगह दिखाने के लिए तैयार हैं? चुनाव की घोषणा अभी बाकी है। मुझे अपनी तैयारी देखने दीजिए और मैं आपकी इच्छा के अनुसार निर्णय लूंगा। मैं उचित समय पर निर्णय लूंगा।

शाह को भी दी चेतावनी
आगे बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने बीते साल हुए विधानसभा चुनावों में हार पर महाविकास अघाड़ी (एमवीए) की आलोचना करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसी को भी उनकी पार्टी के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। ठाकरे ने कहा कि हमारे साथ खिलवाड़ करने की कोशिश मत करो। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी हिंदुत्व की आड़ में महाराष्ट्र को धोखा देगी तो उनकी पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। इसके अलावा उन्होंने भाजपा को कम से कम एक चुनाव मतपत्र से कराने की चुनौती दी।

क्या बोले थे शाह
बता दें कि शाह ने कहा था कि राज्य विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन की जीत ने कैसे शिव सेना (यूबीटी) और राकांपा (सपा) को उनकी जगह दिखा दी है।  

गौरतलब है कि शिवसेना (यूबीटी) कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) के साथ विपक्षी एमवीए का घटक दल है। ठाकरे का यह बयान पार्टी नेता संजय राउत के उस एलान के बाद आया है, जिसमें राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी। इस बयान के बाद से ही विपक्षी एमवीए की एकता पर सवालिया निशान लग गया है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एमवीए को मिली करारी हार
बता दें कि, पिछले साल नवंबर महीने में हुए राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और शरद पवार की एनसीपी एसपी से मिलकर बने महा विकास अघाड़ी गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा था। राज्य के 288 विधानसभा सीटों में से मात्र 46 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी। इसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी ने 20, कांग्रेस ने 16 और शरद पवार की एनसीपी-एसपी को सिर्फ 10 ही विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी।