मुंबई: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे लंबे आंदोलन में आज अहम मोड़ आया है। आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने घोषणा की कि सरकार ने उनकी प्रमुख मांगें मान ली हैं, और इसी के साथ उन्होंने अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी। यह खबर मराठा समाज के लिए बड़ी राहत और जीत की तरह मानी जा रही है।
मनोज जरांगे की बैठक
मुंबई के आजाद मैदान में मनोज जरांगे की महाराष्ट्र सरकार के तीन मंत्रियों के साथ बैठक हुई। इस दौरान मराठा आरक्षण और आंदोलन से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। मंत्रियों ने जरांगे को आश्वासन दिया कि आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज गैरजरूरी मुकदमे वापस लिए जाएंगे। बैठक के बाद जरांगे ने समर्थकों को बताया कि सरकार ने उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया है।
मनोज जरांगे का बयान
बैठक के बाद जरांगे ने कहा, “हम जीत गए हैं।” उन्होंने बताया कि सरकार जल्द ही मराठा समुदाय को कुनबी समुदाय का हिस्सा मानने वाला सरकारी आदेश (जीआर) जारी करेगी। जरांगे ने कहा कि यदि आदेश आज रात तक जारी हो गया, तो वे आंदोलन खत्म करके मुंबई से रवाना होंगे।
सरकार के वादे और योजनाएं
सरकार ने मनोज जरांगे को कई महत्वपूर्ण आश्वासन दिए हैं। हैदराबाद गैजेट को तुरंत लागू किया जाएगा। सतारा गैजेट को लागू करने में कानूनी अड़चनें हैं, जिनकी जांच के बाद कार्रवाई होगी। आंदोलन के दौरान दर्ज गैरजरूरी मुकदमे वापस लिए जाएंगे, गंभीर मामलों को छोड़कर। शहीद हुए आंदोलनकारियों के परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। सबसे महत्वपूर्ण मांग, कुनबी समुदाय में मराठाओं को शामिल करने वाला सरकारी आदेश (जीआर), दो महीने के भीतर जारी किया जाएगा।
क्यों खत्म की गई भूख हड़ताल?
जरांगे का कहना है कि सरकार के आश्वासन और आदेश जल्द जारी करने की गारंटी मिलने के बाद उन्होंने भूख हड़ताल खत्म की। उन्होंने इसे मराठा समाज के हित में बताया और कहा कि आंदोलन अब शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त होगा।
आंदोलन के अगले कदम
सरकारी आदेश जारी होने के बाद सभी प्रदर्शनकारी अपने घर लौटेंगे। सरकार की ओर से आर्थिक मदद और मुकदमों की वापसी से आंदोलनकारियों को राहत मिली है और माहौल शांत हो गया है।