मराठा आरक्षण हिंसा: प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का आदेश किसने दिया- संजय राउत

उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के सांसद संजय राउत ने मराठा आरक्षण हिंसा को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने का आदेश किसने दिया था?

शुक्रवार को भड़की हिंसा
गौरतलब है, मनोज जारांगे के नेतृत्व में आंदोलनकारी मंगलवार से गांव में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे थे। राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय के लिए राज्य सरकार की ओर से दिए गए आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट पहले ही रद्द कर चुका है। हालांकि, स्थिति तब बिगड़ी जब डॉक्टरों की सलाह पर पुलिस ने जारांगे को अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने मना कर दिया। 

इसके बाद, आंदोलन शुक्रवार को हिंसक हो गया था। अंबाड तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सराथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। हिंसा में 40 पुलिसकर्मी और अधिकारी घायल हो गए थे, जबकि 15 से अधिक राज्य परिवहन बसों को आग लगा दी गई थी।

फोन कॉल पर किसने दिए आदेश
राउत पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस कभी भी आदेश बिना मिले लाठीचार्ज और गोली नहीं चलाएगी। ऐसे में सवाल उठता है कि शीर्ष अधिकारियों के आदेश के बिना मुख्यमंत्री और राज्य के गृह मंत्री के कार्यालय से किसने फोन किया था? उन्होंने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि फोन कॉल पर ये आदेश किसने दिए।

जनरल डायर की मानसिकता से कर रहे काम
राज्यसभा सदस्य ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दोनों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार जनरल डायर की मानसिकता से काम कर रहे हैं। उन्होंने शांतिपूर्वक भूख हड़ताल पर बैठे मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और गोलीबारी का आदेश दिया।

गौरतलब है, अप्रैल 1919 में बैसाखी त्योहार के दौरान अमृतसर के जलियांवाला बाग में नरसंहार हुआ था, जब कर्नल रेजिनाल्ड डायर की कमान के तहत ब्रिटिश भारतीय सेना ने स्वतंत्रता-समर्थक प्रदर्शन कर रही भीड़ पर गोलियां चला दी थीं, जिसमें कई लोग मारे गए।

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