महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि महायुति गठबंधन सरकार अगले दो से ढाई साल में उन विधायकों को भी मंत्री बनने का मौका देगी, जिनका नाम आज हुए मंत्रिमंडल के विस्तार में नहीं आया है। नागपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, इस सरकार के कार्यकाल के दौरान हम सभी विधायकों को मौका देंगे। उन्होंने कहा कि हर विधायक मंत्री बनना चाहता है और वह इसका हकदार भी है। लेकिन मंत्री पद की संख्या सीमित होता है। 

आज हुए महायुति सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में कुल 39 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई, जिससे मंत्रिमंडल का आकार 42 हो गया है। इस मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा के 19 विधायकों को मंत्री बनाया गया। जबकि शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) को 11 और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को नौ मंत्री पद मिले। मंत्रिमंडल में शामिल न होने वाले प्रमुख नेताओं में राकांपा के छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल और भाजपा के सुधीर मुगंटीवार का नाम शामिल है। 

अजित पवार ने कहा कि मंत्री पद की संख्या सीमित होती है। लेकिन सरकार के पांच साल के कार्यकाल में अन्य विधायकों को भी मंत्री बनने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा, हमने फैसला लिया है कि सरकरा के इस पांच साल के कार्यकाल में हम बाकी विधायकों को भी ढाई साल के भीतर मंत्री बनने का अवसर देंगे, ताकि हर क्षेत्र और जिले को प्रतिनिधित्व मिल सके। 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठभंधन 288 में से 220 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की। भाजपा ने 132 सीटें जीतीं, जबकि शिंदे की शिवसेना को 57 और राकांपा को 41 सीटें मिलीं। अब महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से नागपुर में शुरू होगा, जहां राज्य सरकार विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेगी।