मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ जबरन वसूली की शिकायत दर्ज कराने वाले एक व्यवसायी ने मामले को रद्द करने की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। व्यवसायी का दावा है कि पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ शिकायत करने के लिए उस पर दबाव डाला गया था। शिकायतकर्ता केतन तन्ना ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उसे धमकी दी गई थी कि अगर उसने  अधिकारी के खिलाफ शिकायत नहीं की तो उसे झूठे मामले में फंसा दिया जाएगा। 

'अपनी गलती सुधारना चाहता हूं'
केतन तन्ना ने उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा है कि वह अपने द्वारा की गई भारी गलती को सुधारकर अपनी अंतरात्मा को शुद्ध करना चाहता है। तन्ना ने इस सप्ताह की शुरुआत में याचिका दायर की और इस पर 8 अक्टूबर को सुनवाई होने की संभावना है। व्यवसायी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि जिस समय परमबीर सिंह और तत्कालीन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार का विवाद चल रहा था, उसी समय वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के खिलाफ साजिश रची जा रही थी।

तन्ना ने दावा किया कि उसे तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के बंगले के बाहर बुलाया गया था और तत्कालीन पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय पांडे ने उन्हें बताया कि उन्हें सिंह के खिलाफ जबरन वसूली की शिकायत दर्ज करानी है। इसके बाद जुलाई 2021 में, तन्ना ने ठाणे पुलिस में परमबीर सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि जनवरी 2018 और फरवरी 2019 के बीच, जब सिंह ठाणे के पुलिस आयुक्त थे, उन्होंने उन्हें वसूली रोधी सेल के कार्यालय में बुलाकर और गंभीर आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकी देकर उससे 1.25 करोड़ रुपये की जबरन वसूली की थी।

शिकायत में परमबीर सिंह समेत 28 लोगों के नाम
तन्ना ने अपनी याचिका में कहा कि उस पर शिकायत दर्ज करने का दबाव था लेकिन अब वे अपनी अंतरात्मा की आवाज को सुनकर शिकायत वापस ले रहा है। याचिका में उच्च न्यायालय से तन्ना द्वारा की गई 'भारी गलती' को सुधारने और मामले को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है, 'याचिकाकर्ता ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोपों और प्राथमिकी तथा अभियोजन को बिना शर्त वापस लेने का फैसला किया है।' परमबीर सिंह के अलावा, प्राथमिकी में प्रदीप शर्मा और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तथा कथित गैंगस्टर रवि पुजारी सहित 28 अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं। 

उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास विस्फोटकों से लदी एक एसयूवी मिलने और मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद फरवरी 2021 में परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस प्रमुख के पद से हटाकर होमगार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया था। सिंह ने बाद में तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सचिन वाजे से मुंबई के होटलों और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहने का आरोप लगाया था। हालांकि देशमुख ने इस आरोप से इनकार किया था।