मुंबई के दादर स्थित श्री सिद्धिविनायक मंदिर को भव्य रूप दिए जाने की तैयारी जोर शोर से चल रही है। दरअसल, उज्जैन महाकाल कॉरिडोर की तर्ज पर सिद्धिविनायक कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएममसी) द्वारा तमाम तैयारियां की गईं हैं। 

बीएमसी द्वारा कब जारी किया जाएगा टेंडर? 
सिद्धिविनायक कॉरिडोर परियोजना पर 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सिर्फ सिद्धिविनायक मंदिर नहीं बल्कि मुंबादेवी कॉरिडोर और महालक्ष्मी मंदिर कॉरिडोर का भी निर्माण किया जाना है। मंगलवार को इन परियोजनाओं के लिए अलग अलग कंपनियों ने बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त डॉ. अश्विनी जोशी के समक्ष अपनी अपनी प्रस्तुतियां दीं।

इसमें से जिस भी कंपनी की प्रस्तुति सबसे बेहतर होगी, उसे बीएमसी द्वारा स्वीकार कर संबंधित कंपनी को टेंडर दिया जाएगा। बताया गया है कि जुलाई के अंत या फिर अगस्त के पहले सप्ताह में टेंडर जारी किया जा सकता है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पहले ही बता चुके हैं कि सिद्धिविनायक मंदिर को आने-जाने वाली सभी सड़कों का चौड़ीकरण किया जाएगा। 

क्या है बीएमसी की विशेष परियोजना
सिद्धिविनायक मंदिर के दर्शन करने के लिए देश-विदेश से प्रति वर्ष बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। भक्तों के लिए सिद्धिविनायक के दर्शन को सुविधाजनक बनाने के लिए बीएमसी ने विशेष परियोजना को शुरू करने की घोषणा की थी।

बीएमसी की परियोजना में क्या क्या खास बातें हैं? इसके बारे में हम आपको बिंदुवार जानकारी देते हैं। 

  • परियोजना के तहत काकासाहेब गाडगिल मार्ग पर भक्तों के लिए एक समर्पित गलियारा बनाया जाएगा। 
  • सिद्धिविनायक मंदिर की ओर जाने वाली सड़कों को चौड़ा किया जाएगा। 
  • एसके बोले सड़क को लगभग 21 मीटर चौड़ा किया जाएगा। 
  • फूल और पूजा सामग्री बेचने वाली दुकानों को काकासाहेब गाडगिल मार्ग पर स्थानांतरित किया जाएगा। 
  • दादर रेलवे स्टेशन (पश्चिम) से सिद्धिविनायक मंदिर के बीच हर पांच मिनट में बेस्ट (BEST) बस सेवा संचालित की जाएगी।  
  • विकलांग, गर्भवती महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए अस्थायी प्रतीक्षा क्षेत्र बनाया जाएगा। 
  • पार्किंग की सुविधा, आधुनिक शौचालय और मंदिर के दोनों तरफ प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। 

परियोजनाओं कितना पैसा खर्च होगा?
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, सिद्धिविनायक कॉरिडोर, मुंबादेवी कॉरिडोर और महालक्ष्मी मंदिर कॉरिडोर के विकास के लिए कुल 700 करोड़ से अधिक खर्च किए जाएंगे। हालांकि अभी सिर्फ मुंबादेवी और सिद्धिविनायक कॉरिडोर परियोजनाओं पर आने वाले खर्च के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया है कि मुंबादेवी कॉरिडोर को तैयार करने के लिए 200 करोड़ और सिद्धिविनायक कॉरिडोर को तैयार करने के लिए कुल 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। महालक्ष्मी मंदिर कॉरिडोर के लिए खर्च का ब्योरा अभी तैयार नहीं किया गया है।