महाराष्ट्र में मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं के विरोध में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने शनिवार को मुंबई में बड़ा विरोध मार्च निकाला। इस विरोध प्रदर्शन को ‘सत्यचा मोर्चा’ नाम दिया गया है। कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरद पवार गुट) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) इस मोर्चे में शामिल हुईं।

‘सत्यचा मोर्चा’ दक्षिण मुंबई के फैशन स्ट्रीट से शुरू होकर बीएमसी मुख्यालय तक पहुंचा। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट और मनसे प्रमुख राज ठाकरे सहित कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। रैली के समापन पर नेताओं ने चुनाव आयोग पर मतदाता सूची में गड़बड़ियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया और मांग की कि स्थानीय निकाय चुनाव तभी कराए जाएं जब इन त्रुटियों को ठीक किया जाए। विपक्ष का कहना है कि मतदाता सूची में बड़ी संख्या में फर्जी नाम जोड़े गए हैं और कई वास्तविक मतदाताओं के नाम बिना कारण हटा दिए गए हैं।

मनसे प्रमुख राज ठाकरे अपने सहयोगी बाला नंदगांवकर के साथ दादर स्टेशन से ट्रेन लेकर चर्चगेट पहुंचे। उन्होंने पहले ही अपने समर्थकों से अपील की थी कि वे इस मोर्चे में शामिल होने के लिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।

भाजपा का एमवीए पर पलटवार
वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने ‘सत्यचा मोर्चा’ को राजनीतिक नौटंकी करार देते हुए एमवीए पर झूठा नैरेटिव फैलाने का आरोप लगाया। भाजपा ने भी दक्षिण मुंबई के गिरगांव इलाके में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें कार्यकर्ताओं ने अपने मुंह पर काली पट्टी बांधकर हिस्सा लिया।

राज्य भाजपा अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने कहा, “महाविकास अघाड़ी हर चुनाव से पहले जनता को गुमराह करने की कोशिश करती है। अब वे मतदाता सूची के बहाने राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले भी उन्होंने संविधान में बदलाव को लेकर झूठ फैलाया था।”

इस तरह महाराष्ट्र की सियासत एक बार फिर गरमा गई है—जहां एक ओर एमवीए मतदाता सूची में पारदर्शिता की मांग कर रहा है, वहीं भाजपा विपक्ष पर जनता को भ्रमित करने का आरोप लगा रही है।