देश में नक्सलवाद लगातार कमजोर होता जा रहा है। इसी क्रम में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में बुधवार को नक्सल आंदोलन को एक और बड़ा झटका लगा। भाकपा (माओवादी) के वरिष्ठ नेता और पोलित ब्यूरो सदस्य मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने अपने 60 साथियों के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में आत्मसमर्पण कर दिया। यह अब तक का गढ़चिरौली का सबसे बड़ा नक्सली आत्मसमर्पण बताया जा रहा है।
गढ़चिरौली पुलिस मुख्यालय स्थित शहीद पांडु आलम हॉल में आयोजित इस आत्मसमर्पण समारोह में मुख्यमंत्री फडणवीस ने सभी नक्सलियों का स्वागत करते हुए उन्हें मुख्यधारा में लौटने का अवसर बताया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में अब नक्सलवाद अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है।
सूत्रों के मुताबिक, नक्सली कमांडर भूपति ने पहले ही यह शर्त रखी थी कि वह आत्मसमर्पण केवल मुख्यमंत्री की मौजूदगी में ही करेंगे। भूपति पर करीब 6 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने पुलिस को कुल 54 हथियार, जिनमें 7 एके-47 और 9 इंसास राइफलें शामिल हैं, सौंपे हैं।कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, “भूपति नक्सलियों की भर्ती, रणनीति और हमलों की योजना तैयार करने में अहम भूमिका निभाता था। पुलिस पिछले एक महीने से उसके संपर्क में थी। हमने उसे स्पष्ट कर दिया था कि हमारा नक्सल-विरोधी अभियान जारी रहेगा, लेकिन आत्मसमर्पण का दरवाजा खुला रहेगा। आज महाराष्ट्र ने नक्सलवाद की कमर तोड़ दी है।”
उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार ने इस सफल अभियान के लिए गढ़चिरौली पुलिस को 1 करोड़ रुपये के इनाम की घोषणा की है। फडणवीस ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना जैसे राज्य नक्सलवाद के खिलाफ साझा रणनीति के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
माना जा रहा है कि भूपति के आत्मसमर्पण के बाद अबूझमाड़ क्षेत्र में नक्सलियों का नेटवर्क बुरी तरह कमजोर हो गया है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, यह कदम आने वाले समय में छत्तीसगढ़ समेत पड़ोसी राज्यों में भी नक्सलियों के आत्मसमर्पण की प्रक्रिया को तेज कर सकता है।