महाराष्ट्र में आगामी शहरी निकाय चुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दोनों धड़ों को एकजुट करने की कवायद तेज हो गई है। शरद पवार और अजित पवार के गुट विलय के प्रयास में जुटे हैं।
संपर्क में दोनों गुटों के प्रमुख नेता
NCP (शरद पवार) गुट से सुप्रिया सुले और अजित पवार गुट से प्रफुल्ल पटेल लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। हालांकि, NCP (SP) के कुल आठ सांसदों में से दो सांसद विलय के खिलाफ हैं। सतारा से सांसद अमर शरदराव काले और सिरपुर से सांसद डॉ. अमोल कोल्हे इस कदम का विरोध कर रहे हैं। अमर काले ने पिछले लोकसभा चुनाव में NCP (SP) का दामन थामा था, जबकि इससे पहले वे कांग्रेस से तीन बार विधायक रह चुके थे।
शरद गुट के कई विधायक भी विलय के पक्ष में
सूत्रों के अनुसार, NCP (SP) के 10 विधायकों में से आधे से ज्यादा अजित पवार के साथ पार्टी का विलय चाहते हैं। महाराष्ट्र में अक्टूबर में होने वाले शहरी निकाय चुनाव से पहले NCP (SP) में टूट का खतरा मंडरा रहा है। कई नेता अजित पवार के गुट में जाने का मन बना चुके थे, जिससे शरद पवार और सुप्रिया सुले को इसका अंदेशा हो गया।
शरद पवार भी विलय के पक्ष में
पार्टी में संभावित टूट को रोकने और दोनों गुटों में सुलह के प्रयास के चलते शरद पवार भी अब विलय के पक्ष में आ गए हैं। चर्चा यह भी है कि अगर दोनों गुटों का विलय होता है, तो सुप्रिया सुले को केंद्र में मंत्री पद दिया जा सकता है। इसी मुद्दे पर चर्चा के लिए बुधवार को मुंबई में NCP (SP) की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक आयोजित की गई है।
बीजेपी की नजर भी राजनीतिक घटनाक्रम पर
बीजेपी इस घटनाक्रम पर पैनी नजर रखे हुए है। महाराष्ट्र के एक बीजेपी नेता का कहना है कि शरद पवार की रणनीति अक्सर उनके सार्वजनिक बयानों से अलग होती है। बीजेपी नेताओं का मानना है कि जब तक शरद पवार स्वयं विलय की घोषणा नहीं करते, तब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता।