महाराष्ट्र के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता गणेश नाइक ने कहा कि वह ठाणे में अपनी पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं। ठाणे उप मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है। उनके इस बयान के बाद महायुति गठबंधन के दोनों दलों के बीच टकराव हो सकता है। नाइक पालघर जिले के संरक्षक मंत्री हैं।

नाइक ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा कि वह ठाणे में भी जनता की समस्याओं को सुनने के लिए बैठकें करेंगे। इसके बाद से अटकलें तेज हो गईं कि भाजपा शिंदे की पार्टी की पकड़ को चुनौती देने की तैयारी कर रही है। नाइक ने कहा, भाजपा शहर पर केंद्रित है। हम चाहते हैं कि ठाणे में केवल कमल (भाजपा का चुनाव चिह्न) ही खिले। पार्टी ने मुझे शहर की जिम्मेदारी सौंपी है। 

शिंदे और नाइक दोनों ने शिवसेना से अपने सियासी करियर की शुरुआत की थी। लेकिन नाइक बाद में शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। वहीं, शिंदे ने 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व को चुनौती दी, जिससे शिवसेना दो भागों में बंट गई। शिंदे की पार्टी पहले ही जिले के संरक्षक मंत्री पदों के वितरण को लेकर नाराज है। 

बावनकुले ने किया नाइक का समर्थन  
वहीं, महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने नाइक का समर्थन किया और कहा, शिवसेना के नेताओं को भी लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए बैठकें करनी चाहिए। सभी मंत्रियों को विभिन्न क्षेत्रों में जनता से संपर्क करना चाहिए, जिसमें अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के मंत्री भी शामिल हैं। इससे आखिरकार जनता को ही लाभ होगा। 

ठाणे में शिवसेना की पकड़ को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता: शंभूराज देसाई
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना के मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा, मैं पहले ठाणे का संरक्षक मंत्री रह चुका हूं और मुझे शहर व जिले में शिंदे के नेटवर्क का पूरा पता है। ठाणे हमेशा शिवसेना का गढ़ रहेगा। भाजपा के नेताओं को अपनी पार्टी को आगे बढ़ाने का अधिकार है। लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि शिवसेना ने ऐतिहासिक रूप से जिले में पकड़ बनाई है। 

उन्होंने भाजपा से सीधे चुनौती की संभावना को खारिज किया और कहा, शिंदे और नाइक दोनों अपने-अपने दलों को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं, जबकि वे महायुति गठबंधन का हिस्सा बने हुए हैं। स्थिति को गलत तरीके से नहीं समझना चाहिए।