महाराष्ट्र में बीजेपी के नए मुख्यालय के निर्माण को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत द्वारा लगाए गए आरोपों पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि “भाजपा कांच के घर में नहीं रहती, जिनके घर कांच के हैं, वही दूसरों पर पत्थर फेंकते हैं।”
फडणवीस ने स्पष्ट किया कि पार्टी को किसी सरकारी जमीन या रियायत की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, “हम अपने अधिकार की जमीन पर पार्टी का नया मुख्यालय बना रहे हैं। जिन लोगों को जमीन हड़पने की आदत है, वे हमसे सवाल न पूछें।”
फडणवीस ने बताया कि जब अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब उन्होंने महाराष्ट्र के हर जिले में पार्टी कार्यालय स्थापित करने की योजना बनाई थी, ताकि आम जनता को न्याय के लिए एक सुलभ मंच मिल सके और कार्यकर्ताओं को संगठन से सीधा जुड़ाव महसूस हो।
उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश जिला कार्यालय तो विकसित हो चुके हैं, लेकिन मुंबई स्थित राज्य कार्यालय अब तक सीमित दायरे में था। 2014 के चुनाव के दौरान अमित शाह ने यहीं से करीब 15 दिन तक लगातार काम किया था।
फडणवीस ने आगे कहा कि पार्टी ने किसी सरकारी भूमि पर निर्भर न रहते हुए निजी जमीन पर नया मुख्यालय बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, “हमारे पास ज्यादा एफएसआई का अधिकार था, लेकिन हमने कम जगह में निर्माण करना चुना है। भाजपा पारदर्शिता में विश्वास रखती है, इसलिए दूसरों के आरोपों से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता।”
वहीं, संजय राउत ने आरोप लगाया था कि मुंबई के मरीन लाइंस स्थित भाजपा कार्यालय की जमीन हस्तांतरण में अनियमितताएं हुई हैं। उन्होंने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी।
अमित शाह ने नए कार्यालय की आधारशिला रखते हुए कहा, “हमारे लिए पार्टी कार्यालय किसी मंदिर से कम नहीं है। 1950 से लेकर आज तक भाजपा का हर कार्यकर्ता जानता है कि यही वह स्थान है जहां से विचार और सेवा का संकल्प जन्म लेता है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि “महाराष्ट्र भाजपा किसी सहारे पर नहीं, बल्कि अपनी ताकत और संगठन के बल पर आगे बढ़ रही है।”