मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने राज्य में 96 लाख फर्जी मतदाता नाम जोड़ने का गंभीर आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि अगर मतदाता सूची को साफ नहीं किया गया, तो आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की पारदर्शिता पर सवाल उठेंगे। ठाकरे ने चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहा, "पहले मतदाता सूची साफ करें, फिर चुनाव कराएं।"

मुंबई में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि फर्जी वोटरों के सहारे चुनाव कराना महाराष्ट्र के मतदाताओं का सबसे बड़ा अपमान होगा। उन्होंने दावा किया कि मुंबई में 8 से 10 लाख, ठाणे, पुणे और नासिक में लगभग 8-8.5 लाख और अन्य जिलों में लाखों फर्जी मतदाता नाम जोड़े गए हैं।

इससे पहले शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस, एनसीपी-एसपी और मनसे समेत कई विपक्षी दलों ने राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना है कि मतदाता सूची में डुप्लिकेट नाम, फर्जी पते और अन्य गड़बड़ियां पाई गई हैं। विपक्ष का कहना है कि 31 जनवरी 2026 से पहले होने वाले ग्रामीण और शहरी निकाय चुनावों से पहले इन सूचियों में सुधार किया जाना चाहिए।

निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि किसी भी राजनीतिक दल द्वारा वोटर सूची में छेड़छाड़ नहीं की जा सकती और सूची अपडेट करने की प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित तरीके से चल रही है। हालांकि राज ठाकरे ने बिना नाम लिए भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, "यह मायने नहीं रखता कि आप वोट डालते हैं या नहीं, मैच तो पहले ही फिक्स हो चुका है।"

ठाकरे ने चुनावी गणित पर भी सवाल उठाया और कहा, "जब वोटरों की गिनती ही गलत हो, तो हमारी पार्टी के विधायक और सांसद कैसे आएंगे?" उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पिछले साल राज्य चुनाव में मनसे को एक भी सीट नहीं मिली थी। ठाकरे ने कहा कि सत्ता में आने से पहले भाजपा भी निर्वाचन आयोग पर ऐसे ही आरोप लगाती थी।