मराठा आरक्षण की मांग को लेकर समाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने एक बार फिर आंदोलन को तेज करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि 29 अगस्त से मुंबई में नए आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। इसके पहले, 27 अगस्त को मराठा समाज अंतरवाली सराटी गांव से अपनी मांगों को लेकर लंबी पदयात्रा शुरू करेगा।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष मराठा आरक्षण के समर्थन में राज्यव्यापी प्रदर्शन हुए थे, जिसके बाद सरकार ने कुछ आश्वासन दिए थे। लेकिन समुदाय को अब तक ओबीसी श्रेणी में आरक्षण नहीं मिल सका है। अध्यादेश तो लाया गया, पर उसके पूर्ण क्रियान्वयन का इंतजार अब भी जारी है। इसी असंतोष के चलते मराठा समाज एक बार फिर सड़कों पर उतरने की तैयारी में है।
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को जरांगे की दो टूक
मीडिया से बातचीत में मनोज जरांगे पाटिल ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि यदि 29 अगस्त को होने वाले विरोध प्रदर्शन में कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न हुई, तो इसकी जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि यदि इस बार महिलाओं या बच्चों को नुकसान पहुंचा, तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जरांगे ने याद दिलाया कि बीते आंदोलन के दौरान किस तरह प्रदर्शनकारियों के साथ बर्बरता हुई थी। उन्होंने कहा कि अब कोई चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर हमें रोका गया, तो परिणाम गंभीर होंगे। उन्होंने साफ किया कि मराठा समाज अब केवल वादों पर भरोसा नहीं करेगा।
सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप
मनोज जरांगे पाटिल ने सरकार पर किए गए समझौते को लागू न करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले जो आश्वासन दिए गए थे, उन्हें अब तक अमल में नहीं लाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मराठा समाज अब पीछे हटने वाला नहीं है और आरक्षण को लेकर निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार है।
इस बीच, जरांगे पाटिल इन दिनों धाराशिव जिले के दौरे पर हैं और वहां से समर्थन जुटाने के प्रयास में लगे हैं। 29 अगस्त का मार्च राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।