शिवसेना टूटने का है दुख, इसके दो टुकड़े मंजूर नहीं: शिंदे गुट के मंत्री संजय शिरसाठ

महाराष्ट्र राजनीति में इस समय बड़े घटनाक्रम हो रहे हैं. वर्तमान में ठाकरे गुट के कई पदाधिकारी शिवसेना शिंदे गुट और भाजपा में शामिल हो रहे हैं. अब एकनाथ शिंदे के गुट के शिवसेना मंत्री संजय शिरसाठ ने बड़ा बयान दिया है. संजय शिरसाठ ने कहा था, “अगर मुझे मौका मिला तो मैं दोनों शिवसेना पार्टियों को एक साथ लाने की कोशिश करूंगा.”

संजय शिरसाठ ने हाल ही में मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उनसे शिवसेना के दोनों दलों के एक साथ आने संबंधी बयान के बारे में सवाल किया गया.

उन्होंने कहा कि कल मैंने जो बयान दिया था उसकी अलग तरह से व्याख्या की गई. हमारा मानना ​​था कि शिवसेना का विभाजन नहीं होना चाहिए. यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि मैं प्रयास कर रहा हूं. यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि मैं कुछ अलग करने की कोशिश करूंगा. संजय शिरसाठ ने कहा कि भविष्य में जो होगा, उसे लेकर वह खुश हैं.

संजय शिरसाठ की बयान से अटकलें तेज

उन्होंने कहा कि सत्ता की चाह में उन्होंने कांग्रेस और राष्ट्रवादी पार्टी का साथ दिया. उद्धव ठाकरे को राजा की तरह शासन करना चाहिए और हमें सेवक की तरह सेवा करनी चाहिए. एकनाथ शिंदे सत्ता के लिए बाहर नहीं आए. वे इस बात से नाराज थे कि उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी का साथ दे दिया था. आगामी नगर निगम चुनावों के बाद उन्हें (उद्धव ठाकरे) एहसास होगा कि बहुत बड़ी गलती हो गई है लेकिन अब बहुत सारा पानी बह चुका है.

संजय शिरसाठ ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे एक साथ आते हैं या नहीं, लेकिन अब यह एक साथ नहीं आएगा, संजय शिरसाट ने यह भी कहा, “हम 8 से 10 लोग परेशान हैं, उन्हें जाने दिया, लेकिन जब विद्रोह हुआ तो पता चला कि हम 40 लोग थे.”

संजय शिरसाठ के बयान पर जानें क्या बोले चंद्रकांत खैरे

दूसरी ओर, संजय शिरसाठ के बयान पर चंद्रकांत खैरे ने कहा कि भाजपा ने एकनाथ शिंदे को अलग-थलग करने की कोशिश शुरू कर दी है. इसी डर के कारण संजय शिरसाट ने गुगली सुझाव दिया है कि दोनों शिवसेना दलों को एक साथ आना चाहिए. अगर शिरसाट कह रहे हैं कि वह दोनों शिवसेना दलों को एक साथ लाने का प्रयास करने जा रहे हैं, तो उन्होंने इस बारे में पहले क्यों नहीं सोचा?

उन्होंने कहा कि अगर मैंने पार्टी से अलग होने से पहले उद्धव ठाकरे से खुलकर बात की होती तो वह मेरी बात सुनते. उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन भिन्न परिस्थितियों के कारण शिंदे मुख्यमंत्री नहीं बन सके. हालांकि, खैरे ने यह भी दावा किया कि भविष्य में एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री बनते. उन्होंने यह भी दोहराया कि उन्हें भाजपा की ओर से राज्यपाल पद और शिवसेना की ओर से सांसद पद की पेशकश की गई थी

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