बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी को लेकर विपक्षी दलों के बीच सवाल उठने लगे हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस पर तंज कसा है।

संजय राउत का बयान
पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि यदि एमएनएस और शिवसेना (यूबीटी) गठबंधन के लिए तैयार हैं, तो कांग्रेस की राय मायने नहीं रखती। राउत ने सोशल मीडिया पर लिखा, "शिवसेना और एमएनएस पहले ही साथ आ चुके हैं। यह लोगों की इच्छा है और इसके लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं। शरद पवार और लेफ्ट पार्टियां भी इस बात के समर्थन में हैं।"

एनसीपी का रुख
शरद पवार की एनसीपी ने भी एकजुट होकर भाजपा का सामना करने की इच्छा जाहिर की है। मुंबई में पार्टी की मीटिंग में नेताओं और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया कि वे भाजपा के खिलाफ एकजुट चुनाव लड़ें। एनसीपी के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि सभी एमवीए सहयोगी दलों – समाजवादी, कम्युनिस्ट और अंबेडकर दल – को साथ रहना चाहिए।

कांग्रेस का रुख
कांग्रेस की परंपरा से एमएनएस के साथ गठबंधन में दूरी रही है और विचारधारा के मामले में यह अलग राह अपनाती रही है। हालांकि उद्धव ठाकरे मुंबई नगर निगम चुनाव में अपने सहयोगियों और राज ठाकरे की एमएनएस के साथ तालमेल बनाने को तैयार हैं, कांग्रेस ने पहले ही ऐलान किया है कि वह अकेले चुनाव लड़ेगी
इस ऐलान ने महाराष्ट्र में विपक्ष की चुनावी एकता की संभावना पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस ने ठाकरे भाइयों के मिलन का स्वागत किया है, लेकिन एमएनएस के साथ गठबंधन की तरफ फिलहाल झुकाव नहीं दिखाया।