राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के 26वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित समारोह के दौरान शरद पवार ने पार्टी में हुए विभाजन पर अपनी पीड़ा सार्वजनिक रूप से व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी कि पार्टी, जिसे उन्होंने 26 साल पहले स्थापित किया था, इस प्रकार दो हिस्सों में बंट जाएगी।
शरद पवार ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि चुनौतियों के बावजूद वे पार्टी के साथ डटे रहे। उन्होंने कहा, “कुछ लोग दूसरी सोच के साथ चले गए, जिससे पार्टी में दरार आई। मैंने ऐसा कभी सोचा नहीं था। लेकिन जो कार्यकर्ता पार्टी की विचारधारा से जुड़े रहे, वही उसकी असली ताकत हैं। आने वाले चुनाव में स्थिति बदलेगी।”
जयंत पाटिल ने दिया संकेत, पार्टी को नए नेतृत्व की ज़रूरत
इसी समारोह में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने संकेत दिया कि वे अपनी जिम्मेदारी किसी नए चेहरे को सौंपने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा, “पवार साहब ने मुझे अनेक अवसर दिए, लेकिन अब समय है कि युवा नेतृत्व को आगे लाया जाए।” उनके इस वक्तव्य से कई कार्यकर्ता भावुक हो गए और उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया।
एनसीपी में फूट की पृष्ठभूमि
जुलाई 2023 में एनसीपी का विभाजन हुआ था, जब अजित पवार ने पार्टी का एक धड़ा अलग कर शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार का हिस्सा बना लिया। चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम और चिन्ह ‘घड़ी’ अजित पवार गुट को दे दिया, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाला समूह अब ‘एनसीपी (शरदचंद्र पवार)’ के नाम से जाना जाता है।