शिवाजी महाराज प्रतिमा ढहने का मामला: शिवसेना (यूबीटी) और भाजपा समर्थकों में झड़प

छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति तेज हवा में टूट जाने के बाद महाराष्ट्र में सियासी तूफान खड़ा हो गया है. सिंधुदुर्ग के मालवण में समुद्र के किनारे स्टैच्यू 8 महीने पहले लगाया गया था. इस बीच बुधवार को शिवसेना (यूबीटी) के पार्टी कार्यकर्ताओं और बीजेपी नेता नारायण राणे के समर्थक मूर्ति ढहने वाली जगह एकत्रित हुए. देखते ही देखते दोनों पार्टियों के समर्थकों के बीच झड़प हो गई.

महाविकास अघाडी के नेता और बीजेपी के समर्थक राजकोट किले पर आमने-सामने आ गए, जिसके बाद दोनों के बीच जमकर धक्का-मुक्की भी हुई. हालांकि स्थिति नियंत्रण में है. इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है. महाविकास अघाडी की ओर से आज मालवण बंद का ऐलान किया गया, जिसके बाद महाविकास अघाडी के आदित्य ठाकरे, जयंत पाटिल, विजय वेदेट्टीवार, अंबादास दानवे सहित कई नेता राजकोट किले पर पहुंचे और घटना स्थल का निरीक्षण किया. इसके बाद तहसील ऑफिस तक मोर्चा निकला है.

मूर्ति कैसे हवा से गिर गई- ठाकरे

इस बीच शिवसेना-यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महिला सुरक्षा, भ्रष्टाचार से लिप्त राज्य में सरकार चल रही है. दो-तीन दिन पहले बंद की अपील की गई थी, लेकिन कोर्ट आदेश के बाद नहीं हुआ. सिंधुदुर्ग में मोर्चा निकाला गया है. शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गई है. भगत सिंह कोश्यारी समुद्र किनारे राजभवन में रहते थे, लेकिन उनकी टोपी कभी नहीं उड़ी. मूर्ति कैसे हवा से गिर गई?

उद्धव निकालेंगे मार्च, सीएम बोले- राजनीति करने का समय नहीं

उन्होंने कहा कि एक सितंबर को शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. ये एमवीए की तरफ से आंदोलन होगा. इसमें हम आम शिव प्रेमी को भी आमंत्रित कर रहे हैं. रविवार को हम सब एमवीए के नेता और शिव प्रेमी हुतात्मा चौक से गेटवे के शिवाजी की प्रतिमा तक मोर्चा निकालेंगे और सरकार को जूते मारने का काम करेंगे. छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले को लेकर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे का कहना है कि ये राजनीति का समय नहीं है. लोक निर्माण मंत्री रवींद्र चव्हाण कारणों का पता लगा रहे हैं.

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