राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) 10 जून को अपना स्थापना दिवस मना रही है। इस बार यह आयोजन विशेष महत्व का है क्योंकि 2023 में पार्टी दो हिस्सों में बंट गई थी—एक गुट की अगुवाई शरद पवार कर रहे हैं, जबकि दूसरे का नेतृत्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार के पास है। यही वजह है कि आज के दिन दोनों धड़ों ने अलग-अलग स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर शक्ति प्रदर्शन किया।
पुणे में दो मंच, दो झंडे
शरद पवार ने पुणे के शिवाजीनगर स्थित पार्टी मुख्यालय में ध्वजारोहण कर स्थापना दिवस मनाया। उधर, अजित पवार गुट ने शिवाजी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में विशाल जनसभा का आयोजन किया, जहां 50 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं के जुटने की संभावना जताई गई थी। दोनों कार्यक्रमों के बीच की दूरी मात्र 10 किलोमीटर रही।
चाचा-भतीजे की राहें अलग, मकसद एक
पार्टी के इतिहास की बात करें तो इसकी नींव 10 जून 1999 को शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर रखी थी। उस वक्त अजित पवार उनके प्रमुख सहयोगी थे। हालांकि 2023 में मतभेद गहराने के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए और एनसीपी दो गुटों में बंट गई।
शरद पवार गुट की रणनीति
एनसीपी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने बताया कि सुबह 10:10 बजे ध्वजारोहण समारोह के बाद बालगंधर्व रंगमंदिर में सभा आयोजित की गई। यह पहला मौका है जब नगर इकाई ने स्थापना दिवस का आयोजन किया। उन्होंने बताया कि आगामी निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम से कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा।
अजित पवार गुट की तैयारी
अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने भी स्थापना दिवस पर रणनीतिक चर्चा की योजना बनाई। गुट के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कार्यक्रम में पार्टी की अब तक की उपलब्धियों की समीक्षा के साथ आने वाले निकाय चुनावों को लेकर रणनीति तय की जाएगी।
स्थापना दिवस से पूर्व साझा मंच
गौरतलब है कि स्थापना दिवस से एक दिन पहले शरद पवार और अजित पवार ने वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट (VSI) में एक मंच साझा किया था। दोनों नेताओं ने इस दौरान गन्ना उत्पादन और चीनी उद्योग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर चर्चा की, जिससे यह संकेत मिला कि विचारों का संवाद अब भी जारी है, भले ही रास्ते जुदा हों।