अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकराने वाले उत्तराखंड के ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सोमवार उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) नेता विश्वासघात के शिकार हैं। उन्होंने ठाकरे के बांद्रा स्थित आवास मातोश्री में उनसे मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है। कई लोग इससे दुखी हैं। मैंने आज उनके अनुरोध पर उनसे मुलाकात की। मैंने उनसे कहा कि जब तक वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन जाते, लोगों का दर्द कम नहीं होगा।
'नरेंद्र मोदी जी हमारे दुश्मन नहीं हैं'
इससे पहले शनिवार को मुंबई में अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट के शुभ आशीर्वाद समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उनका आशीर्वाद लेने पर शंकराचार्य ने कहा कि वह मोदी के शुभचिंतक हैं। हां, पीएम मोदी मेरे पास आए और प्रणाम किया। जो भी हमारे पास आएगा, हम उसे आशीर्वाद देंगे। नरेंद्र मोदी जी हमारे दुश्मन नहीं हैं। हम उनके शुभचिंतक हैं और हमेशा उनके कल्याण की बात करते हैं। अगर वह कोई गलती करते हैं, तो हम उन्हें यह भी बताते हैं। वह हमारे दुश्मन नहीं हैं।
'जो विश्वासघात को सहन करता है, वह हिंदू है'
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, 'उद्धव ने कहा कि वह हमारे आशीर्वाद के बाद जो भी करना होगा, करेंगे।' उन्होंने कहा कि विश्वासघात सबसे बड़ा पाप है। जो विश्वासघात करता है, वह हिंदू नहीं हो सकता। जो विश्वासघात को सहन करता है, वह हिंदू है।
'महाराष्ट्र की पूरी जनता विश्वासघात से दुखी'
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की पूरी जनता विश्वासघात से दुखी है और यह हाल के लोकसभा चुनावों में भी दिखाई दिया। हमारा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन हम विश्वासघात की बात कर रहे हैं, जो धर्म के अनुसार पाप है। बता दें कि जून 2022 में उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। तब एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी थी और शिवसेना के ज्यादातर विधायकों के साथ मिलकर भाजपा के साथ आकर सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बन गए थे।
मातोश्री बंगले में एक पूजा समारोह में भी भाग लिया
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से 10 जुलाई को नई दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की आधारशिला रखे जाने पर उन्होंने कहा कि जब केदारनाथ का पता हिमालय में है, तो यह दिल्ली में कैसे हो सकता है? आप लोगों को क्यों भ्रमित कर रहे हैं? शंकराचार्य ने मातोश्री बंगले में एक पूजा समारोह में भी भाग लिया।