मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर दिलचस्प मोड़ देखने को मिला, जब मतदाता सूची में अनियमितताओं के विरोध को लेकर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक ही मंच पर नज़र आए। इस मंच पर राकांपा (शरदचंद्र पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि यह संकेत है कि आगामी समय में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे महाविकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं।
करीब दो दशक पहले अलग राह पकड़ चुके दोनों ठाकरे भाई तीन महीने पूर्व प्राथमिक शिक्षा में हिंदी को अनिवार्य किए जाने के खिलाफ भी साथ नजर आए थे। अब, मतदाता सूचियों में गड़बड़ी के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए वे दोबारा एकजुट हुए। दक्षिण मुंबई स्थित बीएमसी मुख्यालय के बाहर ‘सत्याचा मोर्चा’ यानी ‘सत्य का मोर्चा’ नाम से यह विशाल रैली आयोजित की गई।
राज ठाकरे की लोकल यात्रा और ठोस सबूत
राज ठाकरे इस रैली में भाग लेने के लिए दादर से चर्चगेट तक लोकल ट्रेन से पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों के सामने कई दस्तावेज रखे, जिनमें मतदाता सूचियों में दोहरे नामों और अन्य अनियमितताओं के प्रमाण शामिल थे। उन्होंने दावा किया कि कल्याण-डोंबीवली क्षेत्र के 4,500 से अधिक मतदाताओं के नाम मलाबार हिल्स क्षेत्र में भी दर्ज हैं।
राज ठाकरे ने कहा, “जब सभी राजनीतिक दल मानते हैं कि मतदाता सूचियों में गड़बड़ी है, तो इसे दुरुस्त करने में आपत्ति क्यों? पहले सूची ठीक की जाए, फिर चुनाव कराए जाएं।”
उद्धव ठाकरे बोले – न्यायालय या जनता की अदालत
रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज ठाकरे द्वारा जुटाए गए प्रमाणों के आधार पर विपक्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। उन्होंने कहा, “अगर अदालत से न्याय नहीं मिला, तो जनता की अदालत में जाएंगे।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “मेरी पार्टी चुराई, निशान चुराया, अब क्या वोट भी चुराओगे?”
राज ठाकरे की एंट्री से महाविकास आघाड़ी में नई चर्चा
रैली में राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस नेताओं की एकजुटता से यह चर्चा तेज हो गई है कि मनसे जल्द ही एमवीए गठबंधन में औपचारिक रूप से शामिल हो सकती है। हालांकि अब तक कांग्रेस का एक वर्ग इस फैसले से असहमत बताया जा रहा था, क्योंकि उसे आशंका थी कि इससे उसके मुस्लिम और हिंदीभाषी वोट बैंक पर असर पड़ सकता है।
भाजपा का पलटवार – “फर्जी बयानबाजी का प्रदर्शन”
उधर, भाजपा ने इस रैली के विरोध में दक्षिण मुंबई के गिरगांव इलाके में ‘मूक प्रदर्शन’ आयोजित किया। प्रदर्शन में शामिल भाजपा नेताओं ने काली पट्टियाँ बांधकर विपक्ष पर फर्जी बयानबाजी का आरोप लगाया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने कहा, “एमवीए निकाय चुनावों से पहले जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। हमारा प्रदर्शन उनके दोहरे रवैये को उजागर करने के लिए है।”
यह रैली जहां एक ओर विपक्षी एकता का प्रतीक बनी, वहीं दूसरी ओर राज्य की राजनीति में आने वाले महीनों के लिए नए समीकरणों का संकेत भी दे गई है।