ठाणे (महाराष्ट्र) की विशेष अदालत ने 2021 में एक तीन वर्षीय बच्ची के साथ कथित छेड़छाड़ और उसे चूमने के मामले में आरोपी को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि आरोपी का कोई गलत इरादा नहीं था और उसे संदेह का लाभ दिया गया।
विशेष न्यायाधीश रूबी यू. मालवंकर ने 54 वर्षीय ओमप्रकाश रामबचन गिरि को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष अपने आरोप साबित करने में विफल रहा। गिरि पर 9 जनवरी 2021 को दो अलग-अलग अवसरों पर बच्ची को गले लगाने और चूमने का आरोप था। उनके खिलाफ POCSO अधिनियम और IPC की धारा 354 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अदालत ने कहा कि जिस तरह के आरोप लगाए गए थे, उन्हें गलत तरीके से छूने की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। पीड़िता की कम उम्र को ध्यान में रखते हुए, बच्चों के प्रति प्यार भरा व्यवहार सामान्य माना जाता है, जिसमें उन्हें गोद में उठाना या गाल पर प्यार से चूमना शामिल है।
न्यायाधीश ने कहा, “जब तक बच्चा चोटिल नहीं हो रहा और व्यवहार आपत्तिजनक नहीं है, ऐसे मामलों को आपराधिक कृत्य नहीं माना जा सकता। आरोपी उसी इलाके का निवासी था और बच्ची से उसका कोई अजनबी संबंध नहीं था।”
अदालत ने यह भी नोट किया कि बच्ची ने सात साल की उम्र में गवाही दी थी, जिसे पूरी तरह विश्वसनीय नहीं माना जा सकता। जिरह के दौरान पीड़िता ने स्वीकार किया कि उसके पिता ने उसे अदालत में क्या कहना है, यह बताया था।