महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मां आशा ताई पवार ने बुधवार को कहा कि उन्होंने भगवान विट्ठल से प्रार्थना की है कि उनके बेटे और उनके चाचा शरद पवार फिर से एक साथ आ जाएं। दरअसल वह नए साल के पहले दिन पंढ़रपुर में विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर पहुंची और पवार परिवार के बीच विवाद खत्म करने की मन्नत मांगी। विठ्ठल और रिक्मिणी माता के दर्शन के बाद उन्होंने कहा, मैंने पवार परिवार की एकजुट होने की प्रार्थना की है।
एनसीपी संस्थापक व पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार (चाचा) और उपमुख्यमंत्री अजित पवार (भतीजा) में तब से कड़ुवाहट बढ़ी है जब से एनसीपी दो फाड़ हुई है। जुलाई 2023 में अजित पवार ने पार्टी के 40 विधायकों के साथ तत्कालीन एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। इसके बाद लोकसभा चुनाव और हालिया विधानसभा चुनाव में चाचा-भतीजे के बीच राजनीतिक बर्चस्व की जंग चर्चा में रही है। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष और उनके भतीजे अजित पवार के एकसाथ आने की अटकलें चल रही हैं।
परिवार के एक साथ आने की मांगी मन्नत
आशा पवार का विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर में परिवार की एकजुटता की मन्नत पवार परिवार को एकसाथ लाने की कोशिश मानी जा रही है। इससे पहले अजित पवार पत्नी सुनेत्रा और पुत्र पार्थ पवार के साथ दिल्ली में चाचा शरद पवार के आवास 6 जनपथ पर जाकर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थी। इसके बाद से ही चाचा-भतीजे के एक साथ आने की चर्चा शुरू हुई है।
आशा ताई की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल पटेल ने कहा कि शरद पवार हमेशा हमारे लिए पिता की तरह रहे हैं। हमने पिछले महीने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिए उनसे मुलाकात भी की थी, लेकिन यह कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं थी। हालांकि हमने अलग-अलग राजनीतिक रुख अपनाया है, लेकिन हमने हमेशा शरद पवार का बहुत सम्मान किया है। उन्होंने कहा, अगर पवार परिवार फिर से एकजुट होता है, तो हमें बहुत खुशी होगी। मैं खुद को पवार परिवार का हिस्सा मानता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि पुनर्मिलन से किसी का अपमान नहीं होगा।
दूसरी ओर एनसीपी के एक अन्य नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नरहरि जिरवाल ने कहा कि वे ऐसे मामलों पर बोलने के लिए बहुत जूनियर हैं, लेकिन पुनर्मिलन से उनके जैसे पार्टी कार्यकर्ताओं को फायदा होगा। उन्होंने कहा, हम एनसीपी में विभाजन के कारण व्यथित महसूस करते हैं, क्योंकि हम शरद पवार का बहुत सम्मान करते हैं।