महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि वंतारा की टीम हथिनी माधुरी को कोल्हापुर स्थित मठ में वापस भेजने को तैयार है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर पहले ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुकी है और अब वंतारा की टीम भी उसी याचिका में पक्षकार के रूप में शामिल होगी।
फडणवीस ने यह भी स्पष्ट किया कि वंतारा संस्था ने स्वयं हथिनी को स्थानांतरित करने की मांग नहीं की थी, बल्कि वह अदालत द्वारा नियुक्त प्राप्तकर्ता के तौर पर कार्य कर रही थी।
कोर्ट के आदेश के बाद हुआ था स्थानांतरण
36 वर्षीय हथिनी माधुरी, जो तीन दशक से अधिक समय तक श्री जिनसेन भट्टारक पट्टाचार्य महास्वामी जैन मठ, कोल्हापुर में रही थी, उसे हाल ही में अदालत के आदेश पर जामनगर के वंतारा आश्रय गृह में भेजा गया था। यह निर्णय एक एनजीओ द्वारा उसकी सेहत और मानसिक स्थिति पर जताई गई चिंता के बाद आया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 16 जुलाई को उसके बेहतर देखभाल हेतु वंतारा केंद्र भेजे जाने का आदेश दिया था, जिसे 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा।
हथिनी को वापस लाने की मांग तेज
हथिनी के स्थानांतरण के विरोध में कोल्हापुर में हजारों लोग ‘मौन मार्च’ निकाल चुके हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि माधुरी (जिसे श्रद्धालु ‘महादेवी’ भी कहते हैं) को वापस मठ लाया जाए। जनता की भावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है।
सीएम ने वंतारा टीम से की चर्चा
फडणवीस ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर बताया कि उन्होंने मुंबई में वंतारा टीम से विस्तृत चर्चा की है। उन्होंने कहा, “टीम ने भरोसा दिलाया कि वे हथिनी माधुरी को वापस मठ भेजने के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट में हमारे साथ खड़ी होंगी।”
वंतारा का स्पष्टीकरण
वंतारा संस्था ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी हथिनी को अपने आश्रय गृह में स्थानांतरित करने की मांग नहीं की थी। उन्होंने कहा कि वे केवल अदालत के निर्देशों का पालन कर रहे थे और उनकी मंशा हथिनी की अभिरक्षा लेने की नहीं थी। संस्था ने यह भी कहा कि वे धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हैं और राज्य सरकार की सहमति से कोल्हापुर में ही हथिनी के लिए पुनर्वास केंद्र बनाने की इच्छा रखते हैं।