जरांगे की डिप्टी सीएम के खिलाफ की गई बयानबाजी की होगी एसआईटी जांच

मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र में लगातार आंदोलन किए जा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल मराठाओं के हक के लिए लगातार सरकार को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने हाल ही में उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ तीखे बयान दिए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने संज्ञान ले लिया है। उन्होंने पाटिल द्वारा उप मुख्यमंत्री के खिलाफ दिए बयान पर एसआईटी जांच करने का आदेश दिया है। 

इधर आंदोलन पर बैठे मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने कहा, ‘मेरा स्वास्थ्य ठीक है। सभी को गांव-गांव विरोध आंदोलन जारी रखना चाहिए। मैं देख रहा हूं कि मुख्यमंत्री क्या कुछ कह रहे हैं। उनके पास प्रणाली है और वे वही करेंगे जो वे करना चाहते हैं। मैं समाज के लिए लड़ता रहूंगा। मराठाओं के खिलाफ यह हत्या सही नहीं है। देवेंद्र फडणवीस मराठा समुदाय के खिलाफ काम करेंगे। हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर लोगों पर हमला होता तो पूरा राज्य बर्बाद हो जाता।’

भाजपा ने शरद पवार को ठहराया जिम्मेदार
भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधान परिषद में जरांगे की उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ आक्रामक टिप्पणियों पर नाराजगी जताई और इसके लिए वरिष्ठ नेता शरद पवार को जिम्मेदार ठहराने की मांग की। इस पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने आपत्ति जताई, जिसके कारण सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

जरांगे ने जहर देने की कही थी बात
जरांगे ने रविवार को जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में उप मुख्यमंत्री फडणवीस पर एक बड़ा आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि फडणवीस ने उनकी हत्या करने की कोशिश की थी। उन्होंने यह भी एलान किया था की वह मुंबई तक मार्च करेंगे और उप मुख्यमंत्री के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उन्हें ‘सेलाइन’ के जरिए जहर देने की कोशिश की गई थी, हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया था।

सदन में जमकर हंगामा
भाजपा विधायक दरेकर ने मंगलवार को राज्य विधानमंडल के उच्च सदन में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने दावा किया कि शरद पवार, जालना विधायक राजेश टोपे और रोहित पवार सहित राकांपा-शरदचंद्र पवार नेताओं ने जरांगे के साथ बैठक की थी और सुनिश्चित किया था कि कार्यकर्ता राज्य में अशांति पैदा करें। इन आरोपों पर विपक्ष के नेता अंबादास दानवे और शरदचंद्र पवार के नेता शशिकांत शिंदे ने विरोध किया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में इस मामले पर बहस हो गई।

परिषद की उपाध्यक्ष नीलम गोरहे की कई अपीलों के बावजूद दोनों पक्ष शात नहीं हुए। हंगामे को देखते हुए गोरहे ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी।

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