वक्फ के संसद से पास होने और कानून बनने के बाद भी राजनीतिक बयानबाजी का सिलसिला लगातार जारी है. हर कोई वक्फ को लेकर अपने-अपने दावे भी कर रहे हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि ‘भूमि अधिग्रहण’ के लिए वक्फ अधिनियम लागू करने के बाद, केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार की नजर अब प्रसिद्ध भगवान पद्मनाभ मंदिर में भारी मात्रा में रखे गोल्ड को “हड़पने” की है.
नासिक में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए हर्षवर्धन सपकाल ने आज रविवार को कहा, “जब अंग्रेजों ने दिल्ली को अपनी राजधानी बनाने का फैसला किया, तो मांग की गई थी कि भूमि अधिग्रहण करते समय पूजास्थलों को सुरक्षित रखा जाए.
गोल्ड भी हड़पना चाहती है BJP: सपकाल
उन्होंने आगे कहा, “इसके लिए, पुनर्वास अधिनियम के जरिए साल 1913 में वक्फ बोर्ड का गठन किया गया. इसका गठन सभी धर्मों के पूजास्थलों को सुरक्षित रखने के लिए किया गया था. इसके जरिए मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों को विशेष अधिकार दिए गए थे.” उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार वक्फ संशोधन विधेयक पारित करने के बाद भूमि अधिग्रहण करने की कोशिश कर रही है.
हर्षवर्धन ने यह भी दावा किया “वे पद्मनाभ मंदिर में भारी मात्रा में गोल्ड को हड़पना चाहते हैं” तिरुवनंतपुरम में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर को श्रीवैष्णव परंपरा में भगवान विष्णु का पवित्र निवास माना जाता है.
नासिक में कालाराम मंदिर का दौरा भी किया
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कल शनिवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसे पिछले हफ्ते संसद ने पारित किया था. मोदी सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि यह कानून देश में मुस्लिम धार्मिक बंदोबस्त से संबंधित सुधारों की शुरुआत करेगा.
इससे पहले दिन में, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने नासिक के प्रसिद्ध कालाराम मंदिर का दौरा किया और राम नवमी के अवसर पर संविधान की पुस्तक लेकर पूजा-अर्चना की. इस पर उन्होंने कहा कि भगवान राम भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं.
उन्होंने कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर ने नासिक के ऐतिहासिक कालाराम मंदिर में प्रवेश करने के लिए उन्होंने कई बार प्रयास किए, लेकिन उन्हें तत्कालीन व्यवस्था ने नाकाम कर दिया. उन्होंने कहा, “मैंने भगवान राम के दर्शन के लिए बाबासाहेब द्वारा लिखित पवित्र संविधान को हाथ में लेकर कालाराम मंदिर में प्रवेश किया.”
सपकाल ने कहा कि भगवान राम सभी के हैं और भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं. कांग्रेस नेता ने साल 1930-35 के दौरान कालाराम मंदिर में प्रवेश के लिए आंबेडकर द्वारा किए गए सत्याग्रह का जिक्र किया.