नीलम गोरहे के बयान पर राउत ने जो कहा, वह पूरी तरह सही है: शरद पवार

महाराष्ट्र में हमेशा कुछ न कुछ सियासी तौर पर हलचल लगा ही रहता है. राज्य के वरिष्ठ मंत्री धनंजय मुंडे पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया जा रहा है क्योंकि कुछ समय पहले सरपंच संतोष देशमुख के अपहरण और फिर हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए वाल्मीक कराड, उनके बेहद करीबी माने जाते हैं. इस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) के नेता शरद पवार ने कहा कि अगर कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति होता वो इस्तीफा दे देता.

धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री और बुजुर्ग नेता शरद पवार ने कहा, “आत्मसम्मान वाला कोई भी व्यक्ति अपना पद छोड़ देता.” हालांकि मुंडे की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि उनका मसाजोग मामले से कोई संबंध नहीं है.

क्यों मांगा जा रहा इस्तीफा

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) कोटे से मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग विपक्षी दलों की ओर से की कई दिनों से की जा रही है. महाराष्ट्र के बीड जिले की परली सीट से विधायक धनंजय मुंडे विपक्ष और सत्तारूढ़ महायुति के कुछ सहयोगियों के लगातार निशाने पर हैं, क्योंकि उनके करीबी सहयोगी माने जाने वाले वाल्मीक कराड को 9 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था. कराड को जबरन वसूली के एक मामले में बीड के मसाजोग में सरपंच संतोष देशमुख के पहले अपहरण और फिर हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया.

नीलम गोरहे पर क्या बोले शरद पवार

शरद पवार ने शिवसेना की नेता नीलम गोरहे के उस बयान पर जारी विवाद के बीच कहा कि इस संबंध में संजय राउत ने जो कुछ कहा वह पूरी तरह सही है. उन्हें मराठी साहित्य महोत्सव के मंच पर ऐसा राजनीतिक बयान नहीं देना चाहिए था. वह चार बार एमएलसी रही हैं और वर्तमान में महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति भी हैं.

उन्होंने कहा कि वह पहले भी कई राजनीतिक दलों में रह चुकी हैं और अब शिवसेना की एकनाथ शिंदे गुट में हैं. उन्हें कई दलों में रहने का अनुभव है, इसलिए उन्हें अपने अनुभव के आधार पर बयान देना चाहिए था. मैं इस साहित्य महोत्सव का अध्यक्ष (स्वागत अध्यक्ष) था. अगर संजय राउत मुझे इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, तो मैं इसे स्वीकार करता हूं. मुझे इससे कोई शिकायत नहीं है.”

शरद पवार ने कहा, “हमने पैनल चर्चा और साक्षात्कार के लिए किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को आमंत्रित नहीं किया था. मैं साहित्य महामंडल की ओर से जवाब नहीं दे सकता.” शिवसेना की नेता नीलम गोरहे ने दावा किया था कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली अविभाजित शिवसेना में पदों को पाने के लिए तोहफे में मर्सिडीज कारें गिफ्ट के रूप में देनी पड़ती थीं.

उनके इस बयान के बाद मराठी साहित्यिक सम्मेलन के मंच को लेकर भी सवाल उठने लग गए कि इस मंच का इस्तेमाल राजनीतिक कीचड़ उछालने के लिए किया गया. शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे के दावे को लेकर उनका मजाक भी उड़ाया.

ठाकरे ने एक दिन पहले रविवार को कहा, “मुझे बताइए कि वे कारें कहां पर हैं. ये लोग मेरे लिए राजनीतिक रूप से अप्रासंगिक हैं और मैं इस पर और टिप्पणी नहीं करना चाहता. वह एक महिला हैं और सम्मान की वजह से मैं इस बारे में और कुछ नहीं कहना चाहता.”

फडणवीस और शिंदे पर शरद पवार

शरद पवार ने कहा, “दिल्ली में पिछले तीन दिनों से मराठी साहित्य महोत्सव का आयोजन किया गया. इस महोत्सव का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मैंने की. कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित किए गए.” उन्होंने आगे कहा, “इसका आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें देशभर से करीब छह से सात हजार मराठी भाषी लोग उपस्थित रहे. यहां तक कि वरिष्ठ नौकरशाहों ने भी इसमें भाग लिया.

एनसीपी के नेता शरद पवार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच जारी तकरार पर कहा, “यह अच्छा है कि वे आपस में लड़ रहे हैं. अगर आपके पास किसी तरह की अनियमितताओं के उदाहरण हैं, तो कृपया हमें बताएं. यह हमारे लिए उपयोगी रहेगा.”

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