पुणे जिले के बारामती तहसील के मालेगांव में चुनाव प्रचार के दौरान महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और राज्य के वित्त मंत्री अजित पवार ने ऐसा बयान दिया, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। अजित पवार ने नागरिकों से कहा कि यदि वे एनसीपी के सभी 18 उम्मीदवारों को जीतते हैं, तो मालेगांव में किसी भी परियोजना के लिए फंड की कमी नहीं होगी। वहीं, अगर मतदाता उनके उम्मीदवारों को अस्वीकार करते हैं, तो वे भी उनके लिए फंड जारी नहीं करेंगे।
अजित पवार ने स्पष्ट किया, "आपके पास वोट हैं, मेरे पास फंड। अगर आप हमारे सभी उम्मीदवारों को जीताते हैं तो मैं हर वादे पर खरा उतरूंगा, लेकिन अगर नहीं, तो मैं भी फंड रोक दूंगा।" उनके इस बयान पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने कहा, "सरकारी फंड किसी नेता के घर से नहीं आते। यह आम जनता के टैक्स से बनता है। अगर कोई नेता मतदाताओं को धमका रहा है, तो चुनाव आयोग इसे क्यों देख नहीं रहा?"
मालेगांव नगर पंचायत का चुनाव 2 दिसंबर को होना है। यह क्षेत्र पवार परिवार के राजनीतिक प्रभाव वाला माना जाता है। एनसीपी भाजपा समर्थित पैनल के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अजित पवार का बयान सिर्फ चुनावी वादा नहीं बल्कि चेतावनी के रूप में लिया जा रहा है। अब देखना होगा कि मतदाता इस बयान को किस नजरिए से लेते हैं और इसका चुनाव परिणाम पर क्या असर पड़ता है।