पंजाब में बड़ी संख्या में बैंक खाते लंबे समय से बिना लेन-देन के बंद पड़े हैं। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के विभिन्न बैंकों में 2.52 करोड़ बचत खाते पिछले दस वर्षों में किसी भी गतिविधि के अभाव में निष्क्रिय हो चुके हैं। नियमों के तहत इन खातों में जमा करीब 14,818 करोड़ रुपये को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डिपॉज़िटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEA) में स्थानांतरित किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक खाते निष्क्रिय होने के पीछे मुख्य कारण खाताधारकों का स्थान परिवर्तन, बैंक बदलना या लंबे समय तक खाते की अपडेटिंग न होना रहा। कई खातों में वर्षों से न लेन-देन हुआ और न ही व्यक्तिगत विवरण अपडेट किए गए। समिति के अनुसार बैंकों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं कि ऐसे खातों के असली मालिकों या उनके वारिसों को तलाशकर धनराशि लौटाने की कोशिश तेज़ की जाए।

सबसे अधिक निष्क्रिय खाते PNB में

रिपोर्ट बताती है कि निष्क्रिय खातों की संख्या में पंजाब नेशनल बैंक सबसे आगे है, जहां 88.26 लाख खाते वर्षों से बंद पड़े हैं। इन खातों में लगभग 5,417 करोड़ रुपये जमा हैं।

इसके बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (35.30 लाख खाते, 1,976 करोड़ रुपये) और पंजाब स्टेट कोऑपरेटिव बैंक (22.33 लाख खाते, 1,181 करोड़ रुपये) का स्थान है।
पंजाब ग्रामीण बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में भी क्रमशः 18.07 लाख और 15.33 लाख खाते निष्क्रिय पाए गए हैं।

जनधन खातों में भी गतिविधि शून्य

प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए 35.97 लाख खाते भी निष्क्रिय हो चुके हैं, जिनमें 481 करोड़ रुपये जमा हैं। कई परिवारों ने एक बार खाता खुलवाने के बाद कभी इसका उपयोग ही नहीं किया।

बैंकों ने शुरू किया विशेष अभियान

SLBC ने निष्क्रिय खातों में फंसी राशि को वापस दिलाने के लिए अब विशेष पहल शुरू की है।
बैंकों द्वारा—

  • पुराने रिकॉर्ड

  • ग्राहक के पते

  • आधार तथा मोबाइल नंबर

  • केवाईसी दस्तावेज

की मदद से खाताधारकों को ढूंढने का प्रयास तेज़ किया गया है। लक्ष्य है कि वर्षों से डीईए फंड में रखी राशि जरूरतमंदों और उनके हकदार परिवारों तक वापस पहुंच सके।

खाता निष्क्रिय होने से तुरंत बचने के उपाय

  • कुछ महीनों में एक बार खाते में लेन-देन अवश्य करें।

  • बैंक में मोबाइल नंबर, पता और अन्य जानकारी समय-समय पर अपडेट करवाएं।

  • उपयोग में नहीं आने वाले खाते बंद कर दें।

  • पासबुक और नेट बैंकिंग से खाते की नियमित जांच करते रहें।

  • बैंक से आए किसी भी नोटिस या अलर्ट को अनदेखा न करें।

    कैसे होता है खाता निष्क्रिय?

    • 2 साल तक खाते में कोई भी गतिविधि न होने पर वह निष्क्रिय माना जाता है।

    • 10 वर्ष तक निष्क्रिय रहने पर खाते की रकम आरबीआई के DEA फंड में स्थानांतरित कर दी जाती है।