पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए गठित रंगला पंजाब फंड पर विपक्ष के विरोध के बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सदन में कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को अतीत की याद दिलाते हुए 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान लोगों द्वारा राष्ट्रीय रक्षा कोष में सोने और धन देने की नेहरू की अपील का उदाहरण दिया।
सीएम मान ने कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं बल्कि एकजुट होकर बाढ़ पीड़ितों की मदद का है। उन्होंने विपक्ष से सवाल किया कि राज्य सरकार के इस कदम के खिलाफ उनका क्या तर्क है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फंड के जरिए CSR और सामाजिक संस्थाओं से योगदान इकट्ठा किया जाएगा।
शायराना अंदाज में सीएम ने कहा, “जिस दिन से चला हूं मेरी मंजिल पे नजर है, आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा।” उन्होंने बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए गेहूं की फसल तैयार करने का काम जारी होने की जानकारी दी और विपक्ष से राजनीति से ऊपर उठकर लोगों की भलाई के लिए सहयोग की अपील की।
इस सत्र में मुख्यमंत्री ने विपक्षी टिप्पणियों की भी निंदा की और कहा कि कुछ कांग्रेस नेता आधारहीन बयान देकर सरकार की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनहित के कार्यों में राजनीति नहीं होनी चाहिए।