पाकिस्तान के ननकाना साहिब दर्शनों के लिए गए भारतीय सिख जत्थे की सदस्य सरबजीत कौर के लापता होने से सुरक्षा एजेंसियों में हलचल मच गई है। कपूरथला की रहने वाली सरबजीत कौर के परिजनों ने पुष्टि की है कि उसने पाकिस्तान में एक मुस्लिम युवक से विवाह कर लिया है। परिजन बताते हैं कि दोनों का ऑनलाइन संपर्क पहले से जारी था। इस खुलासे के बाद जांच एजेंसियां उसकी पृष्ठभूमि और यात्रा के इरादों की पड़ताल में जुट गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, अधिकारी यह भी पता लगा रहे हैं कि यात्रा के दौरान उसकी लोकेशन क्या थी, वह किन-किन स्थानों पर गई और जत्थे के साथ वापस क्यों नहीं लौटी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि सरबजीत के खिलाफ कपूरथला ज़िले में तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। ऐसे में जांच का एक अहम प्रश्न यह है कि उसे पाकिस्तान जाने का वीजा कैसे मिल गया और प्रक्रिया में कहां चूक हुई।
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि वह किसी संवेदनशील गतिविधि या जासूसी से जुड़ी हो सकती है। 4 नवंबर को जत्था ननकाना साहिब गुरुद्वारे गया था और 13 नवंबर को वापसी के समय सरबजीत कौर भारतीय सीमा पर उपस्थित नहीं थी। इमीग्रेशन रिकॉर्ड में भी कई अनियमितताएँ मिली हैं, जिससे उसके इरादों पर और सवाल उठ रहे हैं। पुलिस के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में सरबजीत की कई संदिग्ध गतिविधियाँ भी सामने आई थीं, जिनकी जांच पहले से चल रही है।
पहले भी हो चुका है ऐसा मामला
साल 2018 में होशियारपुर की किरण बाला भी धार्मिक जत्थे के साथ पाकिस्तान जाकर एक स्थानीय युवक से निकाह कर वहां रुक गई थी। मौजूदा मामला भी उसी पैटर्न का प्रतीत होता है, जिसके चलते पंजाब पुलिस और खुफिया एजेंसियां अलर्ट मोड में हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से सरबजीत की मौजूदा लोकेशन और पाकिस्तान में रुकने की असली वजहें खोजी जा रही हैं।
एसजीपीसी ने सरकार पर उठाए सवाल
अमृतसर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने इस मामले को गंभीर बताते हुए सरकार और सुरक्षा तंत्र के कामकाज पर सवाल खड़े किए हैं। एसजीपीसी के सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि यह घटना केवल एक परिवार नहीं, बल्कि पूरे सिख समुदाय की छवि को प्रभावित करती है।
प्रताप सिंह ने बताया कि श्रद्धालुओं की सूची सरकार को भेजना उनकी भूमिका है, जबकि यात्रियों की पृष्ठभूमि की जांच सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी होती है। यदि महिला पहले से ऑनलाइन संपर्क में थी या उसके इरादों पर कोई संदेह था, तो यह जानकारी एजेंसियों को होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि समय रहते सतर्कता बरती जाती तो उसे जत्थे के साथ सीमा पार करने से रोका जा सकता था।
जांच प्रक्रिया को और कठोर बनाने की मांग
एसजीपीसी ने मांग की है कि पाकिस्तान यात्रा से संबंधित सुरक्षा जांच को और सख़्त किया जाए, ताकि धार्मिक यात्रा के बहाने कोई भी व्यक्ति प्रक्रिया का दुरुपयोग न कर सके। प्रताप सिंह ने स्पष्ट किया कि वीज़ा प्रक्रिया में ढील भले दी जाए, लेकिन सुरक्षा जांच में किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है।