पंजाब की उम्मीदों का बजट आज पेश होने जा रहा है। बजट के हंगामेदार रहने के आसार हैं। विपक्ष सरकार को अधूरे वादों पर घेरने की पूरी तैयारी में है। मान सरकार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करेगी। बजट का फोकस 2027 के विधानसभा चुनाव पर रहेगा। यह बजट 2.0 मान सरकार की नींव रखता नजर आएगा।

महिलाओं को सबसे ज्यादा उम्मीद

सरकार के बजट से प्रदेश की एक करोड़ महिलाओं को सबसे बड़ी उम्मीद है। सरकार ने उन्हें एक हजार रुपये प्रति माह आर्थिक मदद देने का वादा किया था। मान सरकार के इस बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, कारोबार, निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर और खासतौर पर अपने अभियान युद्ध नशे के विरूद्ध को मजबूती देने के लिए विशेष पैकेज देने पर फोकस रहेगा। मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए पंजाब सरकार ने पहली बार दो लाख करोड़ रुपये के बजट के आंकड़े को पार किया था। 

सवा दो लाख करोड़ का बजट पेश करेंगे हरपाल चीमा

2024-25 के लिए सरकार ने 2,04,918 करोड़ का बजट पेश किया था। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए मान सरकार लगभग 2.15 लाख करोड़ का बजट पेश करेगी। बजट में करीब पांच फीसदी की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। बजट में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के अलावा मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर में नए आयाम स्थापित करना, नए कारोबार स्थापित कर अगले दो साल में 60 हजार नई नौकरियां युवाओं को देना और शिक्षा प्रणाली को शिखर तक पहुंचाने पर केंद्रित होगा।

इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

विपक्षी दल खासतौर पर नेता प्रतिपक्ष सरकार को उसके किए वादों पर घेरने की तैयारी में हैं। बजट से प्रदेश की करीब एक करोड़ महिलाओं को सबसे बड़ी उम्मीद है। 2022 में सत्ता में आने से पहले मान सरकार ने महिलाओं को एक हजार रुपये प्रति माह आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी। सरकार अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है, लेकिन अब तक महिलाओं से किया वादा पूरा नहीं हुआ। ऐसे में इस बार भी बजट में अगर महिलाओं से किया वादा पूरा नहीं हुआ तो सरकार विपक्ष के निशाने पर होगी। 

एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे किसानों को शंभू और खनौरी बॉर्डर से हटा दिया गया है। पंजाब पुलिस ने किसानों को हिरासत में भी लिया। सरकार के इस एक्शन के बाद अगर किसानों के लिए मान सरकार कोई बड़ी घोषणा या राहत नहीं देती है तो किसानी मुद्दे पर भी सरकार का बजट हंगामेदार रहेगा। सरकार पर लगातार बढ़ते कर्ज और प्रदेश की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए अगर कोई रोडमैप पेश नहीं किया जाता है तो विपक्षी धीर सरकार को घरेगी।

शिक्षा और स्वास्थ्य को इस बार भी सर्वाधिक बजट मिलने की उम्मीद

सरकार के तीसरे बजट में एजुकेशन में 6 प्रतिशत, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में 13 प्रतिशत, बुनियादी ढांचे क्षेत्र में 10 प्रतिशत और कृषि क्षेत्र में केवल 4 प्रतिशत का बजट में इजाफा देखाा गया था। इस बार इन क्षेत्रों में भी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।

वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में इन बिंदुओं पर रहेगी नजर

मौजूदा वित्तीय वर्ष में सरकार पर 41,831 करोड़ रुपये का कर्ज बढ़ने का अनुमान था। केंद्र सरकार की ओर से फंड रोके जाने के चलते सरकार को कई बार कर्ज लेना पड़ा। अब यह देखना होगा वित्तीय वर्ष के अंत तक सरकार पर कितना कर्ज बढ़ा।
2024-25 में सरकार पर कुल 3,53,600 करोड़ रुपये का कर्ज होने का अनुमान था, यह आंकड़ा बढ़ा या घटा, इससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति का पता चलेगा।
-सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में 36,766.56 करोड़ का कर्ज उतारने का लक्ष्य रखा था, इसमें 23,900 करोड़ रुपये ब्याज और 12,866.56 करोड़ मूलधन शामिल था, बजट में देखने होगा सरकार अपने इस लक्ष्य में कितना कामयाब हुई।