राजस्थान जेल गार्ड भर्ती पेपर लीक कांड में टीसीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर समेत 19 गिरफ्तार

जयपुर: जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा-2018 के पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा करते हुए एसओजी ने पेपर लीक करने वाले तीन मुख्य आरोपियों को पकड़ने में सफलता हासिल की है. एसओजी की पड़ताल में सामने आया है कि परीक्षा करवाने का जिम्मा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का था और उसके प्रोजेक्ट मैनेजर जगजीत सिंह ने ही पेपर लीक किया था.

उसने अपने दोस्त के जरिए पेपर लीक किया और 60 लाख रुपए में पेपर का सौदा हुआ. हालांकि, जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने की जानकारी सामने आने के बाद परीक्षा निरस्त कर दी गई थी. ऐसे में उन्हें जो रकम मिलनी थी. वह नहीं मिल पाई थी. एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में टीसीएस के तत्कालीन प्रोजेक्ट मैनेजर जगजीत सिंह, करण कुमार और देवव्रत को एसओजी ने पकड़ा है. जगजीत और करण को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि देवव्रत को चेन्नई से पकड़कर जयपुर लाया जा रहा है.

एसओजी ने दर्ज किया था मुकदमा, जांच जारी : जेल प्रहरी भर्ती के लिए 2018 में जेल प्रहरी भर्ती की लिखित परीक्षा हुई थी. यह परीक्षा सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय, जोधपुर ने आयोजित करवाई थी. परीक्षा करवाने की जिम्मेदारी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को दी गई थी. परीक्षा के दौरान पेपर लीक की जानकारी सामने आने के बाद परीक्षा निरस्त भी हुई थी. इसके बाद दुबारा परीक्षा हुई थी. इससे संबंधित मुकदमा एसओजी ने दर्ज किया था, जिसमें अनुसंधान जारी है. पेपर पढ़ने वाले कुछ लोगों को उस समय गिरफ्तार किया गया था. अनुसंधान आगे बढ़ा और बीच में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

संदीप कादयान ने करण से किया था सौदा : इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण गिरफ्तारी संदीप कादयान के रूप में हुई, जो सोनीपत हरियाणा का रहने वाला है. संदीप कादयान ने ही उन आरोपियों को पेपर मुहैया करवाए, जिन्होंने अभ्यर्थियों को पेपर पढ़वाया था. संदीप को पेपर कहां से मिला. इस पर जब एसओजी ने अपनी तफ्तीश केंद्रित किया तो ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई, लेकिन तकनीकी विश्लेषण के जरिए एसओजी जमशेदपुर (झारखंड) निवासी करण कुमार तक पहुंची.

उन्होंने बताया कि करण इंजीनियर है और देहरादून में रहता है. उसे सुबह बापर्दा गिरफ्तार किया गया है. करण कुमार की गिरफ्तारी के बाद जगजीत सिंह को आज एसओजी ने नोएडा से गिरफ्तार किया है. जगजीत सिंह जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा का टीसीएस की तरफ से प्रोजेक्ट मैनजर था. करण और जगजीत का एक साथी और था, जिसका नाम देवव्रत सांगवान है. वह भी हरियाणा का रहने वाला है. देवव्रत को चेन्नई से पकड़ा गया है. उन्होंने बताया कि परीक्षा का पेपर जगजीत सिंह ने लीक किया था. वह उस समय जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा का प्रोजेक्ट मैनेजर था. जगजीत सिंह और देवव्रत ने पुणे से इंजीनियरिंग साथ की थी.

जगजीत के जरिए मिले थे करण और देवव्रत : करण कुमार और जगजीत सिंह ने जमशेदपुर में स्कूल में साथ पढ़ाई की थी. जगजीत के जरिए ही करण कुमार और देवव्रत आपस में मिले थे. जगजीत सिंह ने पेपर देवव्रत को दिया. देवव्रत ने यह पेपर करण को दिया और करण ने 60 लाख रुपए में संदीप कादयान से पेपर का सौदा किया. संदीप कादयान ने ही हैंडलर्स के जरिए अभ्यर्थियों को पेपर पढ़वाया था. उन्होंने बताया कि 27 अक्टूबर 2018 को कुछ लोगों को पेपर पढ़ाने में आरोपी सफल हो गए थे, जबकि 28 अक्टूबर को पेपर कैंसल हो गया. ऐसे में रकम का लेन-देन नहीं हो पाया.

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